गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल द्वारा नामित की गई पांच सदस्यीय कमेटी ने गाजियाबाद प्रकरण को लेकर जांच शुरू कर दी है। बता दें कि काउंसिल की ओर से गाजियाबाद के जिला न्यायालय में वकीलों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज को गंभीरता से लेते हुए जांच कमेटी गठित की थी। कमेटी में बार काउंसिल के पांच पूर्व अध्यक्ष शामिल किए हैं। बार काउंसिल के अध्यक्ष शिवकिशोर गौड़ की अध्यक्षता में कमेटी जीटी रोड स्थित लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में ठहरी हुई है। कमेटी ने दोनों पक्षों को बयान दर्ज कराने के लिए गेस्ट हाउस बुलाया था।
बार एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ताओं ने कमेटी के समक्ष पेश होकर बयान दर्ज कराए गए हैं। हालांकि जिला जज बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे। जांच कमेटी में बार काउंसिल के पांच पूर्व अध्यक्ष बार काउंसिल ने गाजियाबाद कोर्ट परिसर में हुए प्रकरण के तत्काल बाद उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की ओर से जांच के लिए बार काउंसिल सदस्य और पूर्व अध्यक्ष रोहिताश्व अग्रवाल, प्रशांत सिंह अटल, मधुसूदन त्रिपाठी, अरुण कुमार त्रिपाठी और अजय यादव को गाजियाबाद पहुंचकर प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिए थे।
कमेटी द्वारा तलब किए जाने पर गाजियाबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा, सचिव अमित नेहरा, पूर्व अध्यक्ष मुनीश त्यागी, सुनील दत्त त्यागी, अनिल पंडित, एल्डर कमेटी चेयरमैन राम अवतार गुप्ता, हरेंद्र गौतम, योगेंद्र कौशिक और राकेश त्यागी काकड़ा पेश हुए और अपने बयान दर्ज कराए। इसके अलावा पूर्व बार अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता नाहर सिंह यादव और उनके पुत्र अभिषेक यादव का बयान दर्ज किया गया। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बार काउंसिल को सौंप दी है। बता दें कि यह पूरा प्रकरण जिला जज अनिल कुमार और अधिवक्ता नाहर सिंह यादव के बीच हुई तीखी नोंकझोक के बाद हुआ है।
कमेटी के चेयरमैन शिव किशोर गौड़ का कहना है कि कमेटी ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। बार काउंसिल के चेयरमैन शिव किशोर गौड़ ने कहा कि जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए हैं उसके अनुसार जिला जज का व्यवहार बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। वकीलों के सम्मान की लड़ाई को पूरी मजबूती से लड़ा जाएगा। वकील भी धैर्य रखें। शीघ्र हाइकोर्ट के समक्ष समिति अपनी बात रखेगी। उन्होंने कहा कि घायल अधिवक्ताओं और पुलिस अधिकारियों के भी बयान लिए जाएंगे।