घटना के अनुसार, सतीश रेड्डी (40), जो बेंगलुरु में एक निजी जासूसी एजेंसी चलाता है, ने महिला को अपनी जासूसी के तहत निगरानी में रखा था। उसे शक था कि उसकी पत्नी, बिंदु (27), का महिला के साथ अवैध संबंध हो सकते हैं। बिंदु के कहने पर सतीश ने महिला को जासूसी के लिए अपने साथ राइफल-शूटिंग के बहाने घर से बाहर बुलाया। जब वह महिला को कार में बैठाकर ले गया, तो रास्ते में तीन अन्य पुरुष और एक किशोर भी उस गाड़ी में सवार हो गए। यह सभी एक जंगली इलाके में पहुंचे, जहां उन्होंने महिला को धमकाया, उसके कपड़े उतारे और उसका उत्पीड़न किया।
इसके बाद, उन्होंने महिला का गला घोंटने की कोशिश की और यह सोचकर उसे मृत मान लिया कि उसकी सांसें थम चुकी हैं।तमन्ना ने अपनी योग तकनीकों और सांस नियंत्रण पर महारत का इस्तेमाल किया। उसने पूरी कोशिश की कि वह सांसें रोकने में कामयाब रहे ताकि अपहरणकर्ता यह समझे कि वह मर चुकी है। इसके बाद, जब उसे गड्ढे में फेंक दिया गया और कुछ ही देर में उसे मिट्टी की एक परत से ढक दिया गया, तो उसने खुद को बचाने के लिए गड्ढे से बाहर निकलने में सफलता पाई।
तमन्ना ने पास के गांव से कपड़े उधार लिए और एक दिन बाद खुद को सिडलघट्टा, चिक्काबल्लापुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस ने इस मामले में चार पुरुषों, एक महिला और एक किशोर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में बिंदु, सतीश रेड्डी, रमना (34), नागेंद्र रेड्डी (35), रविचंद्र (27), और एक नाबालिग लड़का शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि बिंदु ने सतीश से अपने पति के शक के कारण यह सब करने की योजना बनाई थी।
इसके बाद, पुलिस ने इन सभी आरोपियों को कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सतीश और उसके साथियों ने महिला के गहनों को लूट लिया और अपहरण के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया। आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है, और वे न्यायिक हिरासत में हैं।