आगरा। आगरा के जिलाधिकारी बिना किसी सुरक्षा और तामझाम के ताजमहल पहुंच गए। जिलाधिकारी वहां की व्यवस्थाओं को समझने के लिए पहुंचे थे लेकिन उन्हें कोई पहचान नहीं पाया और जब लोगों ने पहचाना तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जिलाधिकारी के साथ पार्किंग स्टाफ ने भी बदसलूकी कर दी, डीएम जब वाहन पार्किंग में पहुंचे तो वहां अव्यवस्था देखकर कुछ बोले तो पार्किंग वाला बोला- चचा अपने काम से काम रखो।
जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी सुबह अपने आवास से ताजमहल तक पहुंच गए। यहां उन्हें जो भी दिखा, उससे वह दुखी और नाराज हुए। क्रीम कलर का पुलओवर और ब्लैक कलर का हाफ पैंट पहनकर सुबह 6 बजे ही वह ताजमहल पहुंचे गए थे। जिलाधिकारी से पार्किंग स्टाफ ने बहस भी कर ली।डीएम ने निरीक्षण के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों का निरीक्षण किया, जिनमें कर्मचारियों की मनमानी, अव्यवस्थित व्यवस्था और पर्यटकों के साथ हो रही दुर्व्यवहार की घटनाएं शामिल थीं।
डीएम बिना सुरक्षा कर्मचारियों के, केवल अर्दली के साथ, पैदल ही एमजी रोड स्थित अपने आवास से निकल पड़े। डीएम का पहला पड़ाव शिल्पग्राम था, जहां उन्होंने पार्किंग ठेकेदार के कर्मचारियों से बात की। कर्मचारियों का व्यवहार बेहद असंवेदनशील था। एक कर्मचारी नाइट ड्रेस में था और गुटखा खाकर डीएम से बदतमीजी से बात कर रहा था। उसने गुटखा थूकते हुए कहा, “चचा अपने काम से काम रखो। तुमसे इससे कोई मतलब नहीं है।”
डीएम ने इस असंवेदनशील व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई की और आगे बढ़ते हुए ताजमहल के पूर्वी गेट पहुंचे, जहां भी वह असामान्य परिस्थितियों का सामना करते रहे। ताज के पास दिव्यांग चेयर का किराया मनमानी तरीके से वसूला जा रहा था। खासकर विदेशी पर्यटकों से अधिक किराया लिया जा रहा था। इसके अलावा, ताज के ऑनलाइन टिकट काउंटर बंद था और शौचालय में भी बुनियादी सुविधाओं की कमी थी।
डीएम ने इन अव्यवस्थाओं का संज्ञान लिया और सुधार के लिए कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांग चेयर का किराया अब एक समान होगा, और हर गेट के पास रेट लिस्ट भी लगाई जाएगी। कर्मचारियों के शिष्ट व्यवहार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी और पार्किंग के लिए नए स्थानों की तलाश की जाएगी। इसके अलावा, शिल्पग्राम के पार्किंग कर्मचारियों को भी उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा और पार्किंग गेट पर बूम गेट लगाए जाएंगे।
डीएम ने सफाई व्यवस्था को भी और बेहतर करने के निर्देश दिए। साथ ही, शौचालयों में सेंसर लगाने और हैड हेल्ड मशीनों के माध्यम से पर्ची सिस्टम को खत्म करने की योजना बनाई गई। इस दौरान उन्होंने लपकों के खिलाफ अभियान चलाने का भी ऐलान किया, ताकि पर्यटकों को परेशान करने वालों पर कार्रवाई की जा सके।
जिलाधिकारी ने बताया कि वे अचानक निरीक्षण करने गए थे तो वहां कई अनियमितिता पाई गई जिन्हे सुधारने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि पर्यटकों की सुविधा को बढ़ाने के लिए निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि उन्हें वहां कोई लपका नहीं मिला था। वहां पर्यटकों को कोई असुविधा नहीं होने दी जाये, इसके लिए निर्देश दिए गए है।