नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल करने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। गोयल ने वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने और आर्थिक विकास को गति देने में संस्थान की भूमिका पर जोर दिया।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के 57वें दीक्षांत समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए यह बात कही। गोयल ने अपने संबोधन में वैश्विक व्यापार में भारत की स्थिति को मजबूत करने और आर्थिक विकास को गति देने में संस्थान की भूमिका पर भी जोर दिया। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि हमें 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए साझेदारी करनी चाहिए।
पीयूष गोयल ने कहा कि हम चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 800 अरब अमेरिकी डॉलर के निर्यात को पार कर जाएंगे। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात 778 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। उन्होंने कहा कि हमें 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से बहुत प्रयास करने होंगे। यह संयोग से नहीं होगा, यह आपकी पसंद से होगा और मुझे विश्वास है कि हम इस बड़े लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने लक्ष्य को हासिल करने का विश्वास भी व्यक्त किया।
उन्होंने संस्थान के छात्रों और शिक्षकों से अन्य देशों में भारतीय उत्पादों के सामने आने वाली गैर-टैरिफ बाधाओं का अध्ययन करने में योगदान देने का आग्रह किया, ताकि अधिकारी उन पर ध्यान दे सकें। गोयल ने इस कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए यह भी घोषणा की कि जल्द ही आईआईएफटी का दुबई में अपना नया परिसर होगा।
इस अवसर पर वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि आईआईएफटी बातचीत के लिए एक केंद्र भी स्थापित करेगा, क्योंकि मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) जैसे क्षेत्रों में यह एक महत्वपूर्ण कौशल है। इससे छात्रों को एफटीए वार्ता में आवश्यक विशेषज्ञता के बारे में जानने में मदद मिलेगी। बर्थवाल ने कहा कि संस्थान छात्रों के लिए भारत-उन्मुख केस स्टडी तैयार करने पर भी काम कर रहा है। आईआईएफटी के कुलपति राकेश मोहन जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) रैंकिंग 2024 में प्रबंधन श्रेणी के तहत संस्थान की रैंकिंग बारह पायदान चढ़कर 15वें स्थान पर पहुंच गई है।