कैलाश गहलोत ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा कि उनका यह निर्णय किसी दबाव का परिणाम नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने जिन मूल्यों और उद्देश्यों के साथ राजनीति शुरू की थी, वे अब पूरी तरह खत्म हो चुके हैं। गहलोत ने कहा, “आप का गठन जनता की सेवा के लिए हुआ था, लेकिन अब यह केवल कुछ खास लोगों की पार्टी बनकर रह गई है। लगातार केंद्र सरकार से टकराव की नीति ने दिल्ली के विकास को पीछे धकेल दिया।”उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखे अपने इस्तीफे में भी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए। गहलोत ने कहा कि यमुना को साफ करने, बुनियादी सेवाओं को बेहतर बनाने जैसे वादे अधूरे रह गए। इसके अलावा, विवादित मुद्दे जैसे मुख्यमंत्री आवास (“शीशमहल”) ने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाया।
आप के नेताओं ने गहलोत के इस्तीफे को भाजपा की साजिश बताया। पार्टी का दावा है कि गहलोत के खिलाफ ईडी और इनकम टैक्स के मामले लंबित थे और छापेमारी से बचने के लिए उन्होंने भाजपा का रुख किया। आप ने इसे भाजपा की रणनीति करार देते हुए कहा कि पार्टी ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग करके दिल्ली में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
कैलाश गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित होकर उन्होंने भाजपा ज्वाइन की है। उन्होंने कहा कि अब वह दिल्ली के विकास के लिए भाजपा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।
आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि भाजपा के कई बड़े नेता सोमवार को आप में शामिल हो सकते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोमवार दोपहर प्रेस वार्ता करने की घोषणा की है।
कैलाश गहलोत के इस्तीफे के बाद उनके सभी विभाग अब मुख्यमंत्री आतिशी को सौंप दिए गए हैं। गहलोत के भाजपा में शामिल होने से दिल्ली की राजनीति में हलचल मची हुई है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में यह घटना किस दिशा में जाती है।