लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने रविवार को कहा कि गुंडागर्दी की पर्याय समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव विधानसभा उपचुनाव में मिली करारी हार को पचा नहीं पा रहे हैं।
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भाजपा के राज्य मुख्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पाठक ने उपचुनाव परिणामों को लेकर अखिलेश यादव के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘सीने में जलन, आंखों में तूफान सा क्यों है, सैफई घराने में हर शख्स परेशान सा क्यों है।’ उन्होंने कहा कि सपा के पैरों तले जमीन खिसक चुकी है और अखिलेश यादव इस हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
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उपमुख्यमंत्री ने सपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के नेता गुंडई, मवालीपन और अराजकता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कन्नौज, अयोध्या और करहल की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब सपा के नेता दलित और ओबीसी महिलाओं के साथ अत्याचार करते हैं, तब अखिलेश यादव की जुबान नहीं खुलती।
उन्होंने आरोप लगाया कि सपा नेताओं का ध्यान केवल माफियागीरी, संपत्तियों पर कब्जा और महिलाओं की इज्जत-आबरू को खतरे में डालने पर रहता है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव झूठे वादों से जनता को भ्रमित करते हैं। इन लोगों ने लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान खतरे में है बताकर जनता को बरगलाया और महिलाओं को 8-8 हजार रुपए देने की बात कही थी। बाद में महिलाओं ने इनके कार्यालयों का घेराव भी किया, जिसे पूरे देश ने देखा।
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता इन लोगों की असलियत जानती है और उन्हें पूरी तरह नकार चुकी है।
पाठक ने कहा कि समाजवादी पार्टी भारत के संविधान की बात करती है। लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमेशा सपाईयों ने ही हमला किया है, कभी न्यायपालिका पर हमला किया, तो कभी निर्वाचन आयोग पर हमला किया। इनको लोकतंत्र पर भरोसा ही नहीं है। इसी निर्वाचन आयोग ने लोकसभा का चुनाव कराया था तब ईवीएम अच्छी थी, तब निर्वाचन आयोग बहुत अच्छा काम कर रहा था, तब अधिकारियों की तारीफ करते नहीं थकते थे। इनकी सबसे बड़ी पीडा चुनाव हारना तो है ही, उससे बड़ी पीड़ा यह है कि ये जानते है कि इनका मूल वोटर इनसे दूर जा चुका है। पिछड़ा वर्ग हो या दलित समाज सब ने सपा को छोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का निर्णय सर्वोपरि होता है।