Sunday, November 24, 2024

मुस्लिम बाहुल्य गांवों में कम मतदान और पतंग की उड़ान ने मीरापुर में बिगाड़ा सपा का खेल

मुजफ्फरनगर। मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल की जीत का सबसे बड़ा कारण मुस्लिम बाहुल्य गांवों में कम मतदान और पतंग की उड़ान बना। इसके अलावा मुस्लिम वोटों में बिखराव भी सपा प्रत्याशी सुम्बुल राणा की हार का सबसे बड़ा कारण बना है।

 

ऐसा ही बीते वर्ष शहर पालिका सीट के चुनाव में भी एआईएमआईएम के प्रत्याशी ने समाजवादी पार्टी की राह में मुश्किलें खड़ी कर दी थी। मुस्लिम इलाकों में पतंग को खूब पसंद किया गया, जिस कारण सपा प्रत्याशी राकेश शर्मा को हार का सामना करना पड़ा था। मीरापुर उपचुनाव में सपा की हार की वजह कम मतदान और मुस्लिम मतों का बंटवारा रहा था ।

 

सपा का पीडीए का फार्मूला नहीं चल सका। अल्पसंख्यकों के साथ दूसरी बिरादरी खड़ी नहीं हुई। अकेले दम पर मुस्लिम चुनाव नहीं जीत पाए। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रत्याशी अरशद राना ने सपा के वोट बैंक में सेंधमारी की। अरशद को 18869 वोट मिले। आसपा के जाहिद हुसैन ने 22661 हासिल किए, इनमें भी कई हज़ार संख्या मुस्लिम मतों की मानी जा रही है।

उपचुनाव में 57.10 प्रतिशत मतदान से भी सपा के खेमे की चिंता बढ़ गई थी। पिछले लोकसभा चुनाव से तुलना करें, तो मुस्लिमों का मतदान औसत 10 फीसदी कम रहा। सपा के गढ़ माने जाने वाले सीकरी, नंगला बुजुर्ग, ककरौली, किशनपुर समेत करीब 16 गांव ऐसे हैं, जहां पुलिस की सख्ती के कारण सपा की उम्मीद से कहीं कम मतदान हुआ था।

 

प्रत्येक चरण में सपा के वोट बैंक में पतंग की सेंधमारी देखी जा सकती है। अरशद राना 18869 वोट लेने में कामयाब रहे, जिससे सपा मुकाबले से बाहर हो गई और रालोद ने 30796 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। एआईएमआईएम के प्रत्याशी अरशद राना ने पहले से आखिरी चक्र तक सपा के मतों में सेंधमारी की। वह बसपा पर तो भारी पड़े ही, साथ में कई जगह आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी जाहिद हुसैन को भी चुनौती दी।

 

रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल के सामने सपा की सुम्बुल राना, बसपा के शाह नजर और आसपा के जाहिद हुसैन ने चुनाव लड़ा। एक तरफ मुस्लिम वोट बैंक में बिखराव हुआ और दूसरी तरफ अति पिछड़ा वर्ग और हिन्दू मतदाता पूरी तरह रालोद प्रत्याशी मिथलेश पाल के समर्थन में लामबंद हो गया।

ककरौली में सपा और एआईएमआईएम के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे। मोरना मार्ग पर जाम लगाया गया तो पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। इसके बाद पुलिस पर पथराव हुआ। पुलिस ने सपा के अलावा एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया था।

 

ककरौली में 18 नवंबर को ओवैसी की जनसभा ने सबका ध्यान खींचा था। इससे पहले पूर्व सीएम अखिलेश यादव को भी ककरौली में बनाए हेलीपैड पर उतरना था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। इसी दिन ओवैसी की जनसभा में खूब भीड़ पहुंची थी।

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