मेरठ। सरधना के हुए खूनी संघर्ष मामले में एक पक्ष के लोगों ने एसएसपी कार्यालय पर हंगामा कर दिया। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल थीं। इस दौरान पुलिस की ओर से दर्ज कराए मुकदमे में एक आरोपी को अधिकारियों के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस पर ग्रामीणों ने जबरदस्त हंगामा किया और उसे पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया और साथ लेकर चले गए। इसी आरोपी के परिजन ने दूसरे पक्ष पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
गांव मेहरमति गणेशपुर में गत रविवार सुबह दो समुदाय के लोगों के बीच कहासुनी हो गई थी। इस दौरान जमकर लाठी-डंडे और धारदार हथियार चले। पथराव भी हुआ और कई राउंड फायरिंग की गई। घटना में एक ग्रामीण, उनकी बेटी, एक अन्य युवक व बेटा घायल हुआ था।
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पीड़ित पक्ष ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था, लेकिन तहरीर में इसका जिक्र नहीं किया था। पुलिस ने घायल युवक की तहरीर पर निजामुद्दीन और उसके भाई नईमू, गोरिन और उसके भाई अमन, शेरखान, शजोल, नाजिम, फरमान, शाहिद और दस अज्ञात के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज थी। पुलिस की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में पहला मुकदमा दर्ज कराने वाले घायल युवक, दूसरे पक्ष के निजामुद्दीन समेत 25 अज्ञात के खिलाफ बलवा, जानलेवा हमले और 7 क्रिमिनल एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
पहला मुकदमा दर्ज कराने वाले पक्ष के लोग वादी युवक व बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचे। इन लोगों ने वहां हंगामा और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जब पुलिस के समझाने पर भी हंगामा शांत नहीं हुआ तो सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस अधिकारियों ने हंगामा कर रहे लोगों का नेतृत्व कर रहे आरोपी युवक को हिरासत में लेने के निर्देश दिए।
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सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी युवक को हिरासत में लेकर जीप में बैठा लिया। तभी किसी ने कह दिया कि इसका तो अवैध हथियार लिए वीडियो भी वायरल हो रहा है। पुलिस आरोपी को सिविल लाइन थाने ले जाने लगी। इस पर हंगामा कर रहे ग्रामीण भड़क गए। उन्होंने पुलिस हिरासत से आरोपी युवक को छुड़ा लिया और अपने साथ लेकर चले गए।