नई दिल्ली। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में एक बार फिर स्कूल खोलने की कवायद शुरू हो गई है। नर्सरी से पांचवी तक के स्कूल को ऑनलाइन क्लासेस चलाने के निर्देश मिले हैं। वहीं, छठी से 12वीं तक के स्कूल हाइब्रिड मॉडल पर चलेंगे। इसके मुताबिक जिन बच्चों को स्कूल जाना है, वह जा सकते हैं और जिनको ऑनलाइन क्लास करनी है, स्कूल उन्हें ऑनलाइन क्लास प्रोवाइड कराएगा। यह फैसला लगातार सामने आ रही परीक्षाओं को देखते हुए लिया गया है। प्रदूषण का स्तर अभी कम नहीं हुआ है। एनसीआर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंचा हुआ है। इसको देखते हुए यह फैसला लिया गया है। दरअसल, बीते सप्ताह से लगातार बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली समेत पूरे एनसीआर के स्कूलों को ऑनलाइन मोड में चलाने के निर्देश दिए गए थे।
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बच्चे घर से ही ऑनलाइन क्लासेस अटेंड कर रहे थे। लेकिन, लगातार आ रही परीक्षाओं और ऑनलाइन क्लासेस में पढ़ाने को लेकर हो रही दिक्कतों को देखते हुए अब यह फैसला लिया गया है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए छोटे बच्चों को घर से ही ऑनलाइन क्लासेस ज्वाइन करनी होगी। जबकि, छठी से 12वीं तक के छात्र और छात्राएं स्कूल जाकर अपनी क्लासेस अटेंड कर सकते हैं। ग्रेप 4 के नियम लागू रहेंगे। इसके मुताबिक बच्चे खेलने और अन्य कामों के लिए बाहर नहीं जाएंगे। इसके साथ-साथ 10वीं और 12वीं के हो रहे प्री बोर्ड एग्जाम को देखते हुए भी यह फैसला लिया गया है।
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जिला प्रशासन स्तर पर स्कूलों के आसपास लगातार पानी का छिड़काव कराया जाएगा और ग्रेप 4 के अन्य नियमों का भी पालन किया जाएगा। लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए स्कूलों को ऑनलाइन करने का फैसला लिया गया था। इस दौरान बच्चों के लिए स्कूल की तरफ से टीचर लगातार ऑनलाइन क्लास ले रहे थे। मौसम विभाग के मुताबिक अभी आने वाले कुछ दिनों तक प्रदूषण से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर होता दिखाई दे रहा है, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत के साथ-साथ अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।