मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में 26 नवंबर को संविधान दिवस के उपलक्ष्य राज भवन उत्तर प्रदेश से प्रेरित विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भारतीय संविधान की शपथ ग्रहण और इसके महत्व पर आधारित चर्चा रही। विश्वविद्यालय के अटल सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला, जिला जज रजत जैन, विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक, और छात्रों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े जिला जज रजत जैन ने कहा, “भारत का संविधान न केवल देश को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करता है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का अधिकार प्रदान करता है।” उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय संविधान उनके दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है, जिसे तैयार करने में करीब तीन साल का समय लगा। इससे पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया।
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कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा, “संविधान दिवस केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह दिवस हमें अपने कर्तव्यों और अधिकारों की याद दिलाने का अवसर प्रदान करता है। भारतीय संविधान न केवल हमारे अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि यह हमें एक जिम्मेदार नागरिक बनने की भी प्रेरणा देता है।” उन्होंने आगे कहा कि इस दिन को हमें संविधान के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लेना चाहिए।
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संविधान दिवस के अवसर पर छात्रों के लिए भाषण, पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। इन प्रतियोगिताओं में छात्रों ने संविधान की महत्ता और लोकतांत्रिक मूल्यों को कलात्मक ढंग से प्रस्तुत किया। “भारतीय संविधान: एक मार्गदर्शक” विषय पर हुई भाषण प्रतियोगिता में छात्रों ने अपनी तार्किक और विचारशील प्रस्तुतियों से सभी को प्रभावित किया। साथ ही, “संविधान की सुंदरता” पर आधारित पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिताओं में भी छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में जिला जज रजत जैन ने ऑनलाइन माध्यम से सभी उपस्थितजनों को संविधान की शपथ दिलाई। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को दोहराते हुए नागरिकों से इसके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
संविधान दिवस के इस आयोजन ने सभी प्रतिभागियों को भारतीय लोकतंत्र की नींव और इसकी उत्कृष्टता के प्रति जागरूक किया। विश्वविद्यालय ने इस आयोजन के माध्यम से संविधान के प्रति सम्मान और निष्ठा प्रकट करने का एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कुल सचिव धीरेंद्र कुमार वित्त अधिकारी रमेश चंद्र शोध निदेशक प्रोफेसर वीरपाल सिंह साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता समन्वयक प्रोफेसर केके शर्मा, प्रोफेसर बिंदु शर्मा, प्रोफेसर जमाल अहमद सिद्दीकी, प्रोफेसर अनिल मलिक, डॉक्टर प्रदीप चौधरी, डॉक्टर वैशाली पाटील, डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार, डॉक्टर विवेक त्यागी इंजीनियर प्रवीण पवार प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता इंजीनियर मनीष मिश्रा इंजीनियर विकास त्यागी इंजीनियर मनोज कुमार सहित विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक व कर्मचारी, विद्यार्थी मौजूद रहे।