नयी दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि आर्टिफीशियल इन्टेलीजेंस (एआई) के प्रयोग से सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़, फेक नैरेटिव की चुनौती से निपटने के लिए देश में आठ तरह से तकनीकी टूल्स विकसित किये जा रहे हैं जो एआई के प्रयोग को पहचान सकेंगे।
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रेल, इलैक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एआई के बारे में सवालों के जवाब में कहा कि एआई के प्रयोग से कई प्रकार की चुनौतियां समाज के समक्ष पेश आ रही हैं। फेक न्यूज़, फेक नैरेटिव जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए कानूनी ढांचा बनाये जाने के लिए कई मोर्चों पर विचार मंथन किया जा रहा है। एक वास्तविक न्यूज़ नेटवर्क हो, यह भी सोचा जा रहा है। जहां तक इसके नियामक तंत्र को बनाये जाने की बात है, वह सर्वसम्मति से ही किया जाना चाहिए।
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वैष्णव ने कहा कि आने वाले दिनों में कृषि, वित्तीय सेवाओं, आपूर्ति श्रृंखला, लॉजिस्टिक्स, मनोरंजन, मीडिया आदि में एआई का प्रयोग बढ़ने वाला है। ऐसे में एआई से उत्पन्न चुनौतियों को पहचान कर उनसे निपटने के लिए आठ परियोजनाओं पर काम चल रहा है जिनमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रायपुर, आईआईटी मुंबई आदि शामिल हैं। ये परियोजनाएं टूल्स एवं तकनीक विकसित करने के लिए हैं।
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उन्होंने कहा कि एआई के उपयोग को लेकर संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक फ्रेमवर्क बनाने को लेकर जो काम चल रहा है, उसमें भारत की बात को काफी महत्व दिया जा रहा है।