मोरना। शुकतीर्थ गंगा खादर क्षेत्र में वन विभाग द्वारा किसानों की खडी फसल में जबरदस्ती खम्भे गाडने व फसल को नष्ट करने से नाराज किसानों द्वारा भारतीय किसान यूनियन के तत्वाधान में जनरल तेजेन्द्र पनाग के डेरे पर एक पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें सैकडों किसानों ने भाग लिया। पंचायत में एसडीएम बिजनौर सदर व वन रेंजर बिजनौर द्वारा आश्वासन दिया गया कि किसान को उसकी फसल काटने तक सर्वे कार्य नहीं किया जाएगा। वहीं मुजफ्फरनगर बिजनौर के जिलाधिकारियों के साथ किसानों बैठक कराने का फैसला लिया गया।
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सरबजीत सिंह आदि ने बताया कि 35 वर्षों में गंगा तीन बार अपनी जगह बदल चुकी है। पिछले 50 से भी वर्षों से वे अपनी जमीन जोत रहे हैं। गत 28 नवम्बर से वन विभाग उनकी खडी फसल में झंडी लगाकर सर्वे के नाम उनकी फसल को खुर्दबुर्द कर रहे हैं। किसानों की लगभग 4500 बीघा से अधिक जमीन पर वन विभाग ने चिन्हित किए बिना पैमाईश कर जबरदस्ती उसमें गहरी खाई खोद दी है, जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। इन जमीनों पर कई कई बार बैनामा व दाखिल खारिज हो चुका है। किसानों को इन जमीनों पर राजस्व की टीमों ने ही जमीन पर पैमाईश करके बैठाया है। सन् 2000 में दोनों जिलों के जिलाधिकारी एवं राजस्व टीमों की एक संयुक्त बैठक बैराज पर हुई थी, जिसमें लिखित निर्णय लिया गया था कि जब तक सीमा विवाद निस्तारण नहीं होता तब तक जो किसान जहां पर जमीन जोत रहा है, वह उस पर ही काबिज रहेगा। लेकिन फिर से किसानों को सीमांकन के नाम पर परेशान किया जा रहा है।
पंचायत में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि काफी वर्षों से इस क्षेत्र के किसानों को वन विभाग व प्रशासन द्वारा सीमांकन के नाम पर उलझाया जा रहा है, जिसमें मुजफ्फरनगर व बिजनौर जनपद की जमीन का सीमांकन अभी तक नहीं हो पाया है। वन विभाग व प्रशासन काफी समय से किसानों का सीमांकन के नाम पर उत्पीडन कर रहा है। पंचायत में अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि फिलहाल किसी प्रकार का स्थलीय सर्वे नहीं किया जाएगा। किसान को उसकी पूरी फसल काटने का मौका दिया गया है। जमीन खाली होने पर अग्रिम कार्रवाई व सर्वे आदि प्रारम्भ होगा। पंचायत में राकेश टिकैत ने अधिकारियों से दोनों जनपदों के जिलाधिकारी व किसानों की शीघ्र ही एक बैठक कराए जाने की बात कही, जिससे किसानों को उनकी फसल काटने का पर्याप्त समय मिल सके। एसडीएम बिजनौर सदर ने कहा कि किसान फरवरी-मार्च तक अपनी फसल काटकर जमीन को खाली छोड दें तथा अपने कागज जमा करा दें। इसके बाद सर्वे व जमीन पैमाईश का कार्य प्रारम्भ होगा। फिलहाल किसान के खेत में खाई नहीं खोदी जाएगी। किसान को उसकी फसल काटने का पर्याप्त समय दिया जाएगा।
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बिजनौर वन रेंजर महेश कुमार गौतम ने बताया कि अभी जमीन के सर्वे की कागजी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। किसानों की फसल कट जाने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। पंचायत का संचालन मा. महकार सिंह व अध्यक्षता बाबा नैपाल सिंह ने किया।
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इस अवसर जनपद बिजनौर के मोहनपुर, पुरूषोत्तमपुर, मुशर्फाबाद, सकूरपुर बरामदा व भगवतीपुर आदि की भूमि पर वन विभाग द्वारा बिना नोटिस दिये बिना राजस्व की टीम के फसल व मेंढ को खुर्दबुर्द कर खाई खोदने से नाराज किसान ओमप्रकाश, कुलवंत सिंह, कर्नल कर्मसिंह विरक, मनजीत सिंह, करमिन्दर कौर, देवेन्द्र कौर, बलवंत कौर, बीरसिंह, सरदार पलविन्दर सिंह, अमीर सिंह, सुमित कुमार, विरेन्द्र, उमेश, राजबहादुर राखी, सुनित, पिक्की, विरेन्द्र, सुरेम, नरेश, राजपाल, अरसिंह, लोकिन्द्र, सत्ते, मांगेराम, मनिराम, चेतराम, प्रवेश, अशोक, जग्गू, चन्द्रे, जयसिंह हरिया, नरेश, भरतू, हरिसिंह, रामदयाल, गंगाराम अनिल, सूरतसिंह, हरदयाल सिंह, परमजीत सिंह, भवराज सिंह, प्रेमसिंह, हरजिन्द्र कौर, अमरजीत कौर, मुख्त्यार सिंह, संतोष सिंह, प्रीतम कौर, सरबजीत सिंह,मेरठ मंडल प्रभारी योगेश शर्मा, प्रदेश सचिव सर्वेन्द्र उर्फ मिंटू राठी, ब्लॉक अध्यक्ष विकास चौधरी, पुरकाजी चेयरमैन जहीर फारूखी, नीरज रॉयल शास्त्री, सोनू, मोनू, मदन प्रधान, योगेश चौहान, राजकुमार प्रधान, संदीप, सुमित, अब्दुल कादिर कुरैशी, सुधीश, भूरा आदि उपस्थित रहे।