मुजफ्फरनगर। 65 साल पूर्व श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर व सनातन धर्मशाला बनवाने के लिए गांव खानूपुर में खरीदी गई पौने चार बीघा जमीन पर अवैध रूप से भूमाफियाओं द्वारा कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। पीड़ितों द्वारा मंदिर व सनातन धर्मशाला की जगह को भूमाफियाओं से कब्जा मुक्त कराने के लिए सरकारी दफ्तरों की परिक्रमा करने के लिए मजबूर हो रहे हैं, लेकिन कोई भी सुनवाई न होने से पीड़ितों का पुलिस प्रशासन व जिला प्रशासन पर से भरोसा टूटता जा रहा हैं। दूसरी तरफ अफसरों ने बताया कि मामला अदालत से स्टे है इसलिए वे कुछ दखल नहीं दे सकते।
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शनिवार को मीडिया सेंटर पर गांव खानूपुर निवासी सम्राट सिंह पुत्र स्व. ब्रहमदत्त ने वार्ता करते हुए भू-माफियाओं के द्वारा किये जा रहे बर्ताव एवं माननीयों के इशारों पर खाकीधारियों के बदले तेवरों के बारे में बताया कि चीनी मिल मजदूरों व शीर्ष प्रबन्धन मण्डल द्वारा लगभग 1960 में उनके एक-एक दिन का वेतन काटकर/दान देकर श्री लक्ष्मी नारायण मन्दिर व सनातन धर्मशाला के लिए लगभग पौने चार बीघा भूमि खरीदकर वहां पर मन्दिर धर्मशाला का शिलान्यास कराया गया था।
उन्होंने बताया कि गांव खानूपुर के पूर्व प्रधान सुधीर चौधरी ने वहां बारात घर का निर्माण भी कराया था। पीडित का आरोप हैं कि भू-माफियाओं द्वारा मंदिर की दीवार तोड़कर अपना रौब गालिब करने एवं मंदिर की भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा हैं। उनका आरोप हैं कि कुछ माननीयों द्वारा अपनी राजनीति चमकाने के लिए मंदिर को मुद्दा बनाकर दंगा कराने का प्रयास किया जा रहा हैं। आरोप हैं कि मंदिर की दीवार तोड़ते समय सोंटा गांव के प्रधान सुबोध राठी भी मौजूद थे, जो पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान के दांये हाथ होने का दावा करते हुए भू-माफियाओं का साथ देकर मंदिर की भूमि पर कब्जा करवाने का कार्य करा करा रहे है।
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उनका आरोप हैं कि प्रोपर्टी डीलर सुनील जैन मंदिर की भूमि के प्रकरण को लेकर कोर्ट में चले गये हैं और मामला विचाराधीन होने एवं कोई भी फैसला आने से पहले ही कोर्ट के आदेशों का उलंघन करते हुए मंदिर की भूमि पर कब्जा करने के लिए पुरजोर कोशिश की जा रही हैं।
सम्राट सिंह ने आरोप लगाया कि मंदिर की भूमि को भू-माफियाओं के कब्जे से छुडवाने की अपील करने पर पीडित पर दबाव बनाने के लिहाज से पीडित के घर पुलिस फोर्स को भेजकर दबिश दिलाई गई ताकि पीडित जमीन को छोडकर भाग जाये और सभी भू-माफिया और खाकीधारी करोडों की जमीन को हिस्सों में बांटकर मजा कर सके।
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पीडित ने मंदिर की भूमि को भू-माफियाओं के कब्जे से छुडवाने के लिए कार्यवाही कराने के दौरान जान माल का खतरा होने की आशंका जताई हैं। उनका आरोप हैं कि माननीयों के संरक्षण में फल फूल रहे भू-माफियाओं द्वारा मंदिर की करोडों रूपये की जमीन पर कब्जा करने के लिए कोई भी कदम उठाया जा सकता हैं।
दूसरी तरफ खतौली तहसील प्रशासन ने बताया कि उक्त मामला अदालत में विचाराधीन है, सिविल कोर्ट द्वारा उस पर स्टे है इसलिए प्रशासन कोई कार्यवाही नहीं कर सकता है। आरोपी के लगाए आरोप निराधार है।