गाजियाबाद। अदालत में गौतमबुद्धनगर के एक व्यक्ति का फर्जी पहचान पत्र लगाकर तीन अलग-अलग गंभीर अपराधों में वकीलों ने जमानत दिला दी। व्यक्ति की अर्जी पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हीरालाल ने तीनों मामलों में पुलिस को आदेश दिया है कि जमानत के सभी दस्तावेजों का सत्यापन कराए। साथ ही व्यक्ति से कहा कि पुलिस स्वतंत्र कार्रवाई कर सकती है।
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गौतमबुद्धनगर के जारचा थाना क्षेत्र के कलौंदा के लोकेश ने अदालत में अर्जी लगाने के अलावा कविनगर थाने में दी तहरीर में बताया है कि पहला नोटिस फरवरी में आया था, जिसमें बताया गया कि वसुंधरा के लाल सिंह उर्फ लल्ला के खिलाफ इंदिरापुरम थाने में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज था। लाल सिंह की जमानत अर्जी पर लोकेश का आधार कार्ड और खेत की खतौनी लगाई है। लोकेश ने जमानत दिलाने वाले वकील, न्यायिक मजिस्ट्रेट के लिपिक और पैरोकार के खिलाफ शिकायत की है।
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दूसरा नोटिस अक्तूबर में आया, जिसमें आरोप था कि विजय नगर क्षेत्र में लालकुंआ के मोंटी उर्फ मन्टोली के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है। इसमें भी लोकेश और उनके भाई के आधार कार्ड में फोटो बदलकर जमानत दिला दी। तीसरे मामले में दिसंबर में पॉक्सो कोर्ट का नोटिस मिला, जिसमें पिलुआ एटा के बृजेश के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज थी। उसमें भी लोकेश और उनके भाई के फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमानत दिला दी गई। लोकेश ने तहरीर में कहा है कि कचहरी में एक गैंग सक्रिय है, जो अदालत के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर जमानत करा रहा है।