Wednesday, December 25, 2024

अनमोल वचन

रामायण के एक सूत्र के अनुसार नौ लोगों का विरोध न करे, शास्त्री-शस्त्रधारी हो, निशानेबाज हो, उसका कौन सा शस्त्र हमारे ऊपर आक्रमण कर दें। मर्मी-हमारे अन्तर का जो भेद जानता हो, वह हमारे सारे भेद सबको बता देगा। प्रभु भक्त-प्रभु भक्त का विरोध जिसने किया वह पछताया। भक्त में प्रभु की दी हुई विशेष शक्ति होती है। उसके आगे किसी का विरोध नहीं चल सकता। शठ-जिसमें मूर्खता, कुटिलता, बेईमानी हो, उससे न मित्रता करे न विरोध।

 

 

 

 

धनी-सब जानते है व्यक्ति कुछ गुण नहीं पर धन है, सब लोग वाह-वाह करेंगे, क्योंकि समय पर उनका स्वार्थ सिद्ध होता है। निर्दोष होते भी आपको ही सब दोषी बना देंगे। वैद्य-वैद्य जो बताये उसका पालन करे, उनसे विवाद न करे अन्यथा कुछ भी हानि हो सकती है, कवि- सरस्वती पुत्र का विरोध न करें। जो उन्हें उचित लगेगा वह कहेंगे, विरोध करोगे तो आपको नंगा कर देंगे। पाचक-रसोईये का विरोध न करे, विरोध करेंगे तो रसोई बनाने में खाने में क्या डाल दें।

 

 

 

 

गुणी-गुणवान के साथ भी विरोध न करें। वह आपका सच्चा मार्गदर्शक हो सकता है, यदि विरोध करेंगे इस लाभ वंचित ही रहोगे। अधिक विरोध करोगे तो राह भटका सकता है। इसके अतिरिक्त अपने वाहन चालक का विरोध भी न करें। उसे जो भी कहना हो प्यार से कहें अन्यथा वह कभी भी आपको खतरे में डाल सकता है।

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