वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक अनोखा मामला सामने आया है। राजातालाब तहसील में एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी और एसडीएम आश्रित शाकमुरी ने सरकारी वाहन में कोर्ट लगाकर सुनवाई की। इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
राजातालाब तहसील परिसर में अधिवक्ताओं के विरोध के चलते नाराज एसडीएम ने सरकारी गाड़ी में बैठकर सुनवाई की। वादी और प्रतिवादियों के नाम गाड़ी की खिड़की के बाहर से पुकारे गए। पेशकार ने कार के पास आकर मामलों की जानकारी दी, और एसडीएम ने करीब एक घंटे तक गाड़ी में ही कोर्ट चलाया।
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं एक बड़ा वर्ग एसडीएम की निडरता और काम के प्रति प्रतिबद्धता की तारीफ कर रहा है। लोगों का कहना है कि यह घटना दिखाती है कि यदि कोई अधिकारी काम करना चाहे तो विषम परिस्थितियों में भी कार्य कर सकता है। कुछ लोग इसे “पावर शो” करार देते हुए इसकी आलोचना कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह कदम केवल शक्ति प्रदर्शन के लिए उठाया गया।
एसडीएम द्वारा वाहन में कोर्ट लगाए जाने की वजह तहसील परिसर में अधिवक्ताओं का विरोध बताया जा रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि अधिवक्ताओं ने किस कारण से विरोध किया।
इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि सरकारी अधिकारियों को किस हद तक अपने अधिकारों का प्रयोग करना चाहिए। जहां कुछ लोग इसे प्रेरणादायक मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे अनावश्यक पब्लिसिटी स्टंट बता रहे हैं।
एसडीएम आश्रित शाकमुरी के इस कदम ने जहां उनके कार्य के प्रति समर्पण को उजागर किया, वहीं इसने प्रशासनिक व्यवहार और शक्ति के संतुलन पर बहस को जन्म दिया। यह घटना प्रशासनिक तंत्र में नए दृष्टिकोणों की आवश्यकता और जिम्मेदारी के संतुलन का प्रतीक बनकर उभरी है।