गाजियाबाद। एनसीआर में डीजल वाहनों को दस साल तक चलाने की अनुमति है लेकिन, उनसे 15 साल का कर वसूला जा रहा है। दस साल से पुराने वाहनों को एनसीआर से बाहर कर दिया जाता है या उसका स्क्रैप करा दिया जाता है। इस वजह से लोगों को पांच साल के अतिरिक्त कर का भुगतान करना पड़ रहा है। जनपद में अप्रैल से अब तक करीब 4,500 डीजल वाहनों का पंजीकरण हुआ है।
लालकुआं के रहने वाले राकेश निगम ने बताया कि उन्होंने डीजल वाहन लेने के लिए प्लान बनाया लेकिन, पंजीयन के बारे में पता करने पर सामने आया कि उनसे 15 साल के पंजीयन और रोड का शुल्क लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एनसीआर में पेट्रोल वाहन को खरीदना आसान है। पेट्रोल वाहनों का भी 15 साल का ही पंजीयन होता है। इनको 15 साल तक एनसीआर में चलाया जा सकता है।
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इसके बाद उन्होंने डीजल वाहन छोड़कर पेट्रोल वाहन लेने का मन बना लिया। जिले में करीब पांच हजार से अधिक दस साल पुराने डीजल वाहन दौड़ रहे हैं। इनको शहर से बाहर करने के लिए संभागीय परिवहन विभाग ने नोटिस भी जारी किया है। वहीं, जांच के दौरान पकड़ में आने वाले वाहनों को या तो एनसीआर से बाहर कर दिया जाता है या उन्हें स्क्रैप कराने के लिए वाहन स्वामी को कहा जाता है। इनमें अधिकतर वाहन ऐसे हैं, जिनकी मियाद कुछ माह पहले ही खत्म हुई है।