प्रयागराज। धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर भक्तों का विशाल सैलाब उमड़ रहा है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। सुबह साढ़े नौ बजे तक लगभग 60 लाख श्रद्धालु पवित्र गंगा स्नान कर चुके थे।
मुजफ्फरनगर के नॉनवेज होटल में विवाद के बाद मारपीट, तीन युवक घायल
महाकुंभ की महिमा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध है। इस बार महाकुंभ में विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।
राष्ट्रीय युवा दिवस पर ब्लड बैंक पर युवाओं को लालच देकर रक्तदान कराने का आरोप
पोलैंड से आईं श्रद्धालु क्लाउडिया ने महाकुंभ के अनुभव को अपने जीवन का सबसे अनूठा अनुभव बताया। उन्होंने कहा, “मुझे यहां आकर अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे जीवन में ऐसा अनुभव मिलेगा। यह जगह और यहां के लोग अद्भुत हैं।”
क्लाउडिया ने महाकुंभ के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को करीब से महसूस किया। उन्होंने बताया कि “यहां का वातावरण अपने आप में अद्वितीय है, जिसे शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है। यहां के लोग बेहद मित्रवत और सहयोगी हैं।”
गुरुग्राम की आशियाना सोसायटी में घुसा तेंदुआ, रेस्क्यू कर अरावली में छोड़ा
क्लाउडिया ने बताया कि उन्होंने गंगा में स्नान करने के लिए विशेष रूप से कल के शाही स्नान का इंतजार किया है। उन्होंने कहा, “मैं कल गंगा स्नान करूंगी। शाही स्नान महाकुंभ का सबसे खास दिन है और मैं इसके लिए बेहद उत्सुक हूं।”
क्लाउडिया ने कहा कि वह दो महीने से भारत में हैं और महाकुंभ के इस अद्भुत अवसर का बेसब्री से इंतजार कर रही थीं। उन्होंने कहा, “शुरुआती दिनों में मुझे इन अनुष्ठानों को समझने और पालन करने में कठिनाई हुई। लेकिन अब मैंने बहुत कुछ सीख लिया है और यह अनुभव मेरे लिए अद्भुत है।”
महाकुंभ 2025 के पहले दिन ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने त्रिवेणी पर डुबकी लगाकर इस अद्वितीय आयोजन का आगाज किया। इस आयोजन में देश-विदेश के श्रद्धालु और पर्यटक न केवल भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का अनुभव कर रहे हैं, बल्कि इसे अपने जीवन का अमूल्य हिस्सा भी बना रहे हैं।
महाकुंभ में कल का दिन शाही स्नान का है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। श्रद्धालु और पर्यटक इस भव्य आयोजन में शामिल होकर अपने जीवन को कृतार्थ कर रहे हैं।