मुजफ्फरनगर। राजस्थान के दो युवकों की हरियाणा में जिंदा जलाकर की गई निर्मम हत्या और इस तरह की दूसरी घटनाओं पर नाराजगी व्यक्त करते हुए आजाद समाज पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि उदयपुर में हुई कन्हैया की हत्या के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री ने घर पर पहुंचकर 50 लाख रुपये का मुआवजा और दो आश्रितों को सरकारी नौकरी दी थी। लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री की और से हरियाणा में जिंदा जलाए गए जुनैद और नासिर के आश्रितों को कुछ नहीं दिया गया। गुरुवार को आजाद समाज पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। राजस्थान सरकार और मुख्यमत्री के विरोध में नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि राजस्थान की सरकार अन्य पिछडा वर्ग के विरोध में काम कर रही है।
आजाद समाज पार्टी जिलाध्यक्ष जगदीश पाल ने बताया कि पार्टी के निर्देश पर सभी कार्यकर्ता गुरुवार को प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों पर राजस्थान सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। कहा कि 16 फरवरी को राजस्थान के भरतपुर जिले के पहाडी गांव निवासी दो युवकों जुनैद और नासिर को हिंदुवादी संगठन से जुडे लोगों ने हरियाणा लेकर जाकर जिंदा जलाकर मार दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजस्थान सरकार का रवैया सौतेला है।
आरोप लगाया कि जब उदयपुर में कन्हैया की हत्या की गई थी तो राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उनके आवास पर जाकर परिजनों को 50 लाख रुपये नगद दिये थे, तथा दो आश्रितों को सरकारी नौकरी दी थी। लेकिन जुनैद और नासिर ओबीसी समाज से होने के कारण उनके स्वजन के साथ भेदभाव किया जा रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उनके आश्रितों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। मांग की गई कि राजस्थान सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई करे।