प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में आस्था का सागर उमड़ रहा है। विधिवत शुभारंभ के बाद से ही श्रद्धालुओं का संगम तट पर पहुंचना जारी है। 20 जनवरी को वर्किंग डे होने के बावजूद संगम तट पर भारी भीड़ नजर आई। सुबह 10 बजे तक 30.05 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान किया, जिनमें 10 लाख से अधिक कल्पवासी शामिल रहे।
संगम तट पर श्रद्धालु केवल स्नान ही नहीं कर रहे, बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों और पूजाओं में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। विभिन्न मठ-अखाड़ों के शिविरों में जाकर साधु-संतों का आशीर्वाद लेना और भजन-कीर्तन का आनंद उठाना श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
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महाकुंभ के अब तक के आयोजन में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। 19 जनवरी तक कुल 8.26 करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। इस पावन आयोजन में देश-विदेश से आए श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं।
कल्पवासियों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। 20 जनवरी तक 10 लाख से अधिक कल्पवासियों ने पवित्र स्नान किया। कल्पवासी संगम तट पर पूरे महीने साधना, पूजा और ध्यान में लीन रहते हैं।
हालांकि, रविवार को आग लगने की एक घटना सामने आई थी, लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था पर कोई असर नहीं पड़ा। सोमवार सुबह से ही संगम तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता रहा।
महाकुंभ 2025 में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु भी प्रयागराज पहुंचे हैं। सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोग संगम तट पर स्नान कर इस आध्यात्मिक उत्सव का हिस्सा बन रहे हैं।
स्नान के बाद श्रद्धालु विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों, पूजाओं और भंडारों में हिस्सा ले रहे हैं। मठों और अखाड़ों में संत-महात्माओं के प्रवचन और साधना शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
महाकुंभ 2025 में उमड़ी श्रद्धालुओं की यह भीड़ यह साबित करती है कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भारत की आस्था, संस्कृति और एकता का प्रतीक है।