Friday, January 24, 2025

गणतंत्र दिवस 2025, झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की झांकियों में दिखेगी सांस्कृतिक विरासत

 

नई दिल्ली। 26 जनवरी 2025 को देश 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा, और इस बार कर्तव्य पथ पर होने वाली परेड में झांकियों की भव्यता से भारत की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक विकास की तस्वीर दिखाई जाएगी। इस वर्ष की परेड की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ है, जो भारत के गौरवशाली इतिहास और उज्जवल भविष्य को प्रतिबिंबित करेगी।

 

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परेड में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ केंद्र सरकार के 10 मंत्रालयों की झांकियां शामिल होंगी। ये झांकियां भारत की विविधताओं, सांस्कृतिक परंपराओं और आधुनिक प्रगति को प्रदर्शित करेंगी। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां गोवा: गोवा की सांस्कृतिक विरासत और उसके अनूठे लोक जीवन की झलक। उत्तराखंड: साहसिक खेलों और पारंपरिक धरोहर को प्रदर्शित करती झांकी। हरियाणा: भगवत गीता के अद्वितीय संदेश और महाभारत की पौराणिकता को दर्शाने वाली झांकी। झारखंड: ‘स्वर्णिम झारखंड: विरासत और प्रगति की विरासत’ विषय पर आधारित। गुजरात: ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ को केंद्र में रखते हुए झांकी। आंध्र प्रदेश: ‘एटिकोप्पका बोम्मलु – पर्यावरण अनुकूल लकड़ी के खिलौने’। पंजाब: ‘ज्ञान और बुद्धि की भूमि’ के रूप में पंजाब की झांकी। उत्तर प्रदेश: ‘महाकुंभ 2025 – स्वर्णिम भारत की विरासत और विकास’ पर आधारित। बिहार: नालंदा विश्वविद्यालय की गौरवशाली धरोहर को दर्शाती झांकी। मध्य प्रदेश: ‘कुनो राष्ट्रीय उद्यान – चीतों की भूमि’ पर आधारित। त्रिपुरा: ’14 देवताओं की पूजा – खर्ची पूजा’ की सांस्कृतिक परंपरा। तमिलनाडु: ‘लक्कुंडी: पत्थर शिल्प का उद्गम स्थल’। पश्चिम बंगाल: ‘लक्ष्मी भंडार और लोक प्रसार प्रकल्प’ पर आधारित झांकी। चंडीगढ़: ‘विरासत, नवाचार और स्थिरता का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण’। दिल्ली: ‘गुणवत्ता की शिक्षा’ के महत्व को प्रदर्शित करती झांकी। दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव: ‘कुकरी मेमोरियल और दमन एवियरी बर्ड पार्क’।

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केंद्र सरकार की झांकियां सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग: ‘भारत का संविधान: हमारी विरासत और विकास की आधारशिला’। जनजातीय कार्य मंत्रालय: जनजातीय गौरव वर्ष पर आधारित। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय: महिलाओं और बच्चों की बहुमुखी यात्रा। ग्रामीण विकास मंत्रालय: ‘लखपति दीदी’ पर केंद्रित झांकी। पशुपालन और डेयरी विभाग: ‘भारत की देशी गोजातीय नस्लें: सतत ग्रामीण विकास के प्रतीक’। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग: ‘फूलों की झांकी’ के माध्यम से संविधान के 75 वर्षों का जश्न।

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इस वर्ष झांकियों में भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करने के साथ-साथ विकासशील पहलुओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा। उत्तर प्रदेश की झांकी में महाकुंभ 2025 की झलक मिलेगी, जबकि बिहार की झांकी नालंदा विश्वविद्यालय की विरासत पर आधारित होगी। मध्य प्रदेश अपने कुनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की वापसी का गौरव दिखाएगा।

 

केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा प्रस्तुत झांकियां सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगी।

 

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी भारत के संविधान के 75 वर्षों के गौरव को दर्शाएगी। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग भी संविधान को विकास और मार्गदर्शन की आधारशिला के रूप में प्रस्तुत करेगा।

 

कर्तव्य पथ पर झांकियों के अलावा भारतीय सैन्य ताकत, सांस्कृतिक विविधता, और विभिन्न राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की परंपराओं का शानदार प्रदर्शन किया जाएगा। इस परेड के माध्यम से ‘स्वर्णिम भारत’ की परिकल्पना को साकार रूप दिया जाएगा।

गणतंत्र दिवस समारोह का यह भव्य आयोजन भारत की विरासत, विकास और एकता का प्रतीक होगा।

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