नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइंस कपनियों को एक परामर्श जारी कर उड़ाने के दौरान हंगामा करने वाले अशिष्ट यात्रियों से निपटने के लिए मौजूदा प्रावधानों को दोहराया है। डीजीसीए ने विमानों में यात्रियों की ओर से की जाने वाली अभद्रता से संबंधित घटनाओं के मद्देनजर दोबारा यह एडवाइजरी जारी की है।
नागर विमानन महानिदेशालय ने सोमवार को जारी परामर्श में कहा कि अशिष्ट यात्रियों से निपटने के लिए एयरलाइन कंपनियों के द्वारा उठाए जाने वाले कदम के लिए नागरिक उड्डयन आवश्यकता (सीएआर) के तहत प्रावधान हैं। डीजीसीए ने अपने एडवाइजरी में कहा है कि पायलट, चालक दल के सदस्यों और इन-फ्लाइट सेवा के निदेशक की जिम्मेदारियां भी सीएआर में उल्लेखित हैं।
दरअसल, हाल के दिनों में विमान में उड़ान के दौरान यात्रियों की दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ी हैं। इसी कड़ी में एक और घटना उस वक्त जुड़ गई, जब दिल्ली से लंदन जा रही एयर इंडिया की एक उड़ान में चालक दल के दो सदस्यों को शारीरिक चोट पहुंचाने के आरोप में एक पुरुष यात्री को विमान से उतारना पड़ा। इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में डीजीसीए का यह परामर्श जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया ने दिल्ली-लंदन उड़ान के चालक दल के सदस्यों को शारीरिक चोट पहुंचाने के आरोप में एक अशिष्ट व्यक्ति को सुबह विमान से उतार दिया गया। यात्री को विमान से उतारने के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या एआई-111 को उड़ान भरने के तुरंत बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली लौटकर लैंडिंग करनी पड़ी।