Sunday, January 12, 2025

परमात्मा को पाने का अर्थ

परमात्मा को पाने का अर्थ है ईश्वरीय गुणों को अपने जीवन में उतारना। श्रद्धा, आस्था आदि गुण परमात्मा को पाने के लिए ही जरूरी नहीं है, जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफल होने के लिए जरूरी है। जीवन में सफल होने के लिए कर्म योगी बनो, सहयोगी और उद्योगी बनो।

जीवन में संतुलन बनाते रखते ही जीवन जीना चाहिए। मन मस्तिष्क के संतुलन को किसी भी दशा में बिगडऩे न देना, परन्तु होता क्या है? हर दिन थोड़ी सी खुशी होती है, तो हम खुश भी बहुत ज्यादा हो जाते हैं और थोड़ा सा दुख आ जाये तो घबरा जाते हैं।

समझने लगते हैं कि दुनिया में हमसे ज्यादा दुखी और कोई नहीं। थोड़ा सम्मान पाकर हम गुब्बारे की तरह फूल जाते हैं, परन्तु थोड़ा सा अपमान हो जाये तो सारी हवा निकल जाती है अर्थात कभी ज्यादा खुश तो कभी बहुत ज्यादा दुखी।

कभी निराश तो कभी उत्साहित हो जाते हैं। जब हम इन परिस्थितियों में संतुलन बनाने लगते हैं तो जीवन योगमय बनने लगता है।

कठिनाईयां कभी इंसान का पीछा नहीं छोड़ती वे तो रहेंगी ही। इसलिए जीवन में संतुलन बनाये रखने का प्रयास करे अन्यथा जीवन नीरस हो जायेगा।

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