मुजफ्फरनगर. खतौली कस्बे के जैन मंदिरों में भगवान आदिनाथ ऋषभदेव का मोक्ष कल्याणक महोत्सव भक्तिभाव के साथ मनाया गया। इस पवित्र अवसर पर स्त्री-पुरुष और बच्चों ने पीत एवं केसरिया वस्त्र धारण कर पूजा-अर्चना में भाग लिया।
प्रातःकाल भगवान आदिनाथ की शांतिधारा एवं धर्म आराधना के साथ महोत्सव की शुरुआत हुई। श्रद्धालुओं ने संगतमयी भक्ति की और निर्वाण लड्डू समर्पित किए। मंदिरों में धार्मिक विधान और भक्ति नृत्य का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा में डॉ. ज्योति जैन ने बताया कि भगवान आदिनाथ जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर हैं। उनके पिता राजा नाभिराज और माता मरुदेवी थीं। भगवान आदिनाथ ने मानव जाति को पुरुषार्थ, महिला साक्षरता, और स्त्री समानता का उपदेश दिया। उन्होंने अष्टपद पर्वत (कैलाश पर्वत) से मोक्ष प्राप्त किया और जैन धर्म के प्रवर्तक के रूप में पूजनीय हैं।
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भक्तों ने भकतामर स्तोत्र का वाचन किया और 48 दीपकों से भक्ति अर्चना की। इस शुभ अवसर पर सुनील, अरुण, बबलू, दीपू, सुशील, संजय, सुरेंद्र, कुलदीप, राजकुमार, प्रवक्ता राजेश जैन, अरुण, राकेश जैन, अंबर, मोहित, योगेश, मुकेश एडवोकेट, अनिल, सुनील ठेकेदार, अजय, अशोक शास्त्री, प्रीति, करूणा, विभा, मीनू, ममता, पिंकी, नीलिशा, अलका, नीलम, छवि, मनीषा, शैली, रजनी, कविता, आंचल, अलका, प्रियंका, पूजा, सुषमा, डॉ. आशा, आयुषी, शिल्पी, नैना, गीता, नमिता, अंजली आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।
इस महोत्सव ने भक्ति और आध्यात्मिकता का वातावरण बनाते हुए श्रद्धालुओं के दिलों में गहरी छाप छोड़ी।