नई दिल्ली। पिछले साल भारत में गोल्ड में निवेश (मूल्य के संदर्भ में) 60 प्रतिशत बढ़कर 18 अरब डॉलर या 1.5 लाख करोड़ रुपये रहा। यह 2023 के मुकाबले 60 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी बुधवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में निवेश के लिए गोल्ड की मांग 2024 में 239 टन रही है, जो कि 2013 के बाद सबसे अधिक है। यह 2023 के आंकड़े 185 टन से 29 प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में 76 टन गोल्ड खरीदा गया है, जो कि जुलाई-सितंबर तिमाही के आंकड़े के समान ही है। रिपोर्ट में बताया गया कि बीते साल पूरी दुनिया में गोल्ड की मांग 1,180 टन पर थी और भारत की इसमें हिस्सेदारी 239 टन या 20 प्रतिशत रही है। वैश्विक स्तर पर गोल्ड की मांग में सालाना आधार पर 25 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है। यह 2023 में 945.5 टन थी। डब्ल्यूजीसी ने कहा कि अधिकांश अन्य बाजारों की तरह गोल्ड की बढ़ती हुई कीमतों ने निवेशकों को अधिक निवेश करने के लिए आकर्षित किया। भारत में जुलाई में सीमा शुल्क में कटौती के बाद मांग में और तेजी देखी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर-नवंबर में धनतेरस और दिवाली के शुभ त्योहारों ने अंतिम तिमाही के दौरान खरीदारी को बढ़ावा दिया। बड़े महानगरों में निवेश के लिए छोटे सोने के बार और सिक्कों की “ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा सुपर-क्विक डिलीवरी” की पेशकश से इसे और बढ़ावा मिला। गोल्ड की कीमत अपने ऑल-टाइम हाई पर चल रही है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) द्वारा बुधवार को जारी किए गए ताजा कीमतों के मुताबिक, 24 कैरेट के 10 ग्राम गोल्ड की कीमत 1,310 रुपये बढ़कर 84,320 रुपये हो गई है, जो कि कल 83,010 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। गोल्ड की कीमत में बढ़त की वजह अमेरिका-चीन की बीच बढ़ते टैरिफ वार के कारण उभरी अनिश्चितता है।