लखनऊ – महाकुंभ के दौरान संगम के जल में प्रदूषण की मात्रा पर अड़े समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संगम के जल को लेकर आंकड़े अलग-अलग हैं। दोनों के डेटा टकरा रहे है।
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उन्होने कहा कि दिल्ली वालों के आंकड़े यूपी वाले नहीं स्वीकार कर रहे हैं। अब देखना है यूपी का नया डेटा दिल्ली स्वीकार करती है या नहीं। यूपी सरकार दिल्ली वालों के आंकड़ों को नहीं मान रही है। दिल्ली सरकार कह रही है कि संगम का पानी स्नान करने लायक नहीं है, तो मान कर चले कि लखनऊ वाले दिल्ली वालों को सनातनी नहीं मानेंगे। क्या लखनऊ वाले कहेंगे कि दिल्ली वाले सनातनी नहीं है।
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उन्होंने कहा कि मैं तो मांग करूंगा कि भाजपा के नेताओं के घर संगम का पानी टंकी भर कर पहुंचाया जाय। वे उसी संगम के पानी से खाना बनाएं, स्नान करें और पीते भी रहें। यह लोग खाना, बनाने, नहाने और पीने के लिए संगम का पानी स्वीकार करें।
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श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को बीओडी, सीओडी कुछ नहीं पता है। अगर पता होता तो वे सदन में जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं वैसा नहीं करते। मुख्यमंत्री के काम करने का जो तरीका है उसके कारण पुलिस विभाग में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है। पुलिस विभाग का ऐसा भ्रष्टाचार प्रदेश के लोगों ने कभी नहीं देखा होगा। प्रदेश में हर तरह का भ्रष्टाचार चरम पर है।
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उन्होने कहा कि आज यूपी महिला अपराध में नम्बर एक है। एससी-एसटी अपराध में सबसे आगे है। कस्टोडियल डेथ में सबसे ऊपर है। भाजपा सरकार बाबा साहब के संविधान के अनुच्छेद 21 की परवाह नहीं कर रही है। साइबर क्राइम में भी यूपी आगे है। थाने का भ्रष्टाचार तो सभी लोग देख रहे है। कुंभ की दुर्दशा सबने देखी। लोग जाम से जूझे। सड़कों पर रहें। इस सरकार ने कुंभ का राजनीतिकरण किया। साधु संत दुःखी है। धर्म का काम सेवा और आस्था का है। भाजपा सरकार के लिए धर्म मुनाफा कमाने का धंधा हो गया है।