आगरा। आगरा में महाशिवरात्रि के अवसर पर अखिल भारत हिंदू महासभा की महिला पदाधिकारी मीरा राठौर ने ताजमहल के अंदर शिवलिंग रखकर गंगाजल से जलाभिषेक किया। उन्होंने दावा किया कि वह प्रयागराज के संगम से गंगाजल और शिवलिंग लेकर आई थीं और ताजमहल, जिसे वह तेजोमहालय मानती हैं, उसकी अशुद्धियों को दूर करने के लिए जल अर्पित किया। पूजा के दौरान उन्होंने धूपबत्ती जलाई और ‘बम-बम भोले’ तथा ‘जय-जय शिव शंकर’ के नारे भी लगाए। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया है।
ताजमहल में माचिस, मूर्ति या किसी अन्य धार्मिक प्रतीक को ले जाना प्रतिबंधित है, ऐसे में महिला द्वारा शिवलिंग और धूपबत्ती लाकर पूजा करने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ताजमहल के वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और सीआईएसएफ से रिपोर्ट मांगी गई है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि सुरक्षा में चूक कहां हुई।
यह पहली बार नहीं है जब मीरा राठौर ने ताजमहल में गंगाजल अर्पित किया हो। सावन माह में, 29 जुलाई 2024 को, वह कांवड़ लेकर ताजमहल पहुंची थीं, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था और कांवड़ किसी अन्य शिव मंदिर में चढ़ाने को कहा था। 5 अगस्त 2024 को उन्होंने फिर से ताजमहल में गंगाजल चढ़ाया था, जिसके बाद सीआईएसएफ ने उन्हें हिरासत में लिया था। हालांकि, माफी मांगने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था।
अखिल भारत हिंदू महासभा ने ताजमहल में मुगल बादशाह शाहजहां के उर्स पर रोक लगाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जो फिलहाल विचाराधीन है। इसके अलावा, ताजमहल को तेजोमहालय घोषित करने से संबंधित दो अन्य याचिकाएं भी अदालत में लंबित हैं। एक याचिका योगी यूथ ब्रिगेड और दूसरी योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा दायर की गई है, जिन पर लगातार सुनवाई चल रही है।
प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और ताजमहल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। इस घटना के बाद पर्यटकों के बैग और सामान की जांच को और सख्त किया जा सकता है। वहीं, अखिल भारत हिंदू महासभा ने इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाने की बात कही है।