गाजियाबाद। लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए सामुदायिक भवन में दो बारातघर बना दिया। इतना ही नहीं, तय दरों से कई गुना रेट वसूलने की शिकायत लोगों ने की है। शिकायत में कहा गया है कि तय दरों का बोर्ड भी नहीं लगाया है। लोगों से मनमानी वसूली की जा रही है।
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जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने सचिव को जांच कराने के निर्देश दिए हैं। तय दरों से ज्यादा रकम लेने वाले संचालकों का लाइसेंस रद्द किया जाएगा। शिकायतकर्ता अशोक कुमार ने बताया कि पटेलनगर प्रथम में स्थित सामुदायिक भवन को संचालक ने दो बरातघर में तब्दील कर दिया है। 1500 से 2000 हजार रुपये प्रति प्लेट के हिसाब से बुकिंग की जा रही है। दस से 15 लाख रुपये में बुकिंग की जा रही है।
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जबकि स्थानीय लोगों को शुल्क में 20 फीसदी तक छूट देने का प्रावधान जीडीए द्वारा किया गया है। इस सामुदायिक भवन की बुकिंग की दर 45,725 रुपये निर्धारित की गई है। 18 फीसदी जीएसटी अलग से है। जबकि संचालक द्वारा लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा सामुदायिक भवन का स्वरूप बदलकर अतिरिक्त निर्माण किया गया है। पार्किंग और हरित क्षेत्र पर भी अवैध निर्माण करा दिया गया है। स्थानीय लोगों को कोई छूट नहीं दी जा रही है।
सामुदायिक भवन के संचालक द्वारा तय शुल्क से ज्यादा शुल्क लेने और स्थानीय लोगों को सुविधा न मिलने का मुद्दा विधान परिषद में एमएलसी दिनेश गोयल भी उठा चुके हैं। शासन की ओर से जीडीए से जवाब मांगा गया है। जीडीए की आवासीय योजनाओं में 17 सामुदायिक भवन बनाए गए हैं। चार साल पहले जीडीए ने इन भवनों को 10 साल के लिए संचालकों को लीज पर दिया है। एग्रीमेंट में दरें तय कर दी गई हैं। जीडीए की वेबसाइट से ऑनलाइन बुकिंग का नियम बनाया गया है। इसके बाद भी कर्मचारियों की मिलीभगत से संचालक मनमानी वसूली कर कर रहे हैं।