लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने शनिवार को कांग्रेस पर सेना और देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का रवैया अब “भाजपा विरोध” से आगे बढ़कर “भारत विरोध” तक पहुंच गया है। राकेश त्रिपाठी ने कांग्रेस पर सेना की शहादत पर सवाल उठाने और सेना को अपमानित करने के आरोप लगाए। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कांग्रेस को इसकी सियासी कीमत चुकानी पड़ेगी। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के सर्जिकल स्ट्राइक पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा, “कांग्रेस बार-बार सेना का अपमान करती है।
चाहे वह शहीदों की शहादत पर सवाल उठाना हो या सेना अध्यक्ष को गुंडा कहने का दुस्साहस, यह उनकी पुरानी फितरत है। इस तरह के बयान न केवल सेना का मनोबल तोड़ते हैं, बल्कि पाकिस्तान जैसे देशों को भी फायदा पहुंचाते हैं। कांग्रेस को देश की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और ऐसी सियासत से बचना चाहिए। ऐसे बयान देश की एकता और संप्रभुता को कमजोर करते हैं।” भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के साथ धक्का-मुक्की और उनके सिर से पगड़ी गिराने के मामले पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ने स्वयं कहा कि उसकी टिकैत से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं थी और यह घटना अनजाने में हुई।
कुछ राजनीतिक दल इस घटना को गलत तरीके से प्रचारित कर रहे हैं, जो देश की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। देश की भावनाओं को समझना चाहिए और कोई भी ऐसा बयान नहीं देना चाहिए जिससे कहीं न कहीं पाकिस्तान को मदद मिलती हो। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की ओर से सिंधु जल संधि को लेकर दी गई धमकी पर त्रिपाठी ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और ऐसी गीदड़ भभकियों से डरने वाला नहीं। पाकिस्तान की बौखलाहट स्वाभाविक है, क्योंकि भारत ने उसकी आतंकी गतिविधियों को कुचलने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए किया है और भारत आतंक को खत्म करने के लिए किसी भी हद तक जाएगा। पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए कि जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं। भारत की कार्रवाई से उनकी नींद उड़ी हुई है। आतंक को नेस्तनाबूत करने के लिए, कुचल देने के लिए भारत हर प्रकार के प्रभावी कठोर कदम उठाएगा और इसके लिए हमें पहले से कोई घोषणा करने की आवश्यकता नहीं है। इसका खामियाजा पाकिस्तान को तो भुगतना ही पड़ेगा।”