मुजफ्फरनगर। हाल ही में जनपद के दो क्षेत्रों में राष्ट्रविरोधी नारेबाजी और बयानबाज़ी के मामलों में हुई पुलिस कार्रवाई के बाद जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। जहां हिंदूवादी संगठनों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, वहीं मुस्लिम समाज के जिम्मेदार लोगों ने भी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की कड़ी निंदा की है।
शहर कोतवाली पहुंचे हिंदू संघर्ष समिति के संयोजक नरेंद्र पवार ने कहा, “पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने हमारे 28 निर्दोष नागरिकों की हत्या की है और भारत अब उस आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। इस समय देश को एकजुट होकर सेना के साथ खड़े होने की जरूरत है, लेकिन कुछ लोग यहां दुश्मन देश के समर्थन में नारेबाजी कर रहे हैं, वीडियो बना रहे हैं और सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। ये राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में आता है। हमने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाए और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि कोई और इस तरह की हिमाकत न करे।”
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वहीं मुस्लिम समाज के नूर मोहम्मद ने भी इन घटनाओं की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “हम इस देश में पैदा हुए, यही खाते हैं, रहते हैं, और यहीं मरना है। हमारे बुजुर्गों की कब्रें भी इसी मिट्टी में हैं। फिर कुछ लोग दुश्मन देश के नारे क्यों लगा रहे हैं? ऐसे लोग न सिर्फ देश का अपमान कर रहे हैं, बल्कि हमारे भाईचारे को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनकी एक गलती पूरे समाज को कठघरे में खड़ा कर सकती है। जो भी इस तरह के राष्ट्रविरोधी कृत्य में लिप्त है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।”
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जनता और समाज के जिम्मेदार नागरिकों की यह प्रतिक्रिया दिखाती है कि देश की एकता और अखंडता के खिलाफ उठी हर आवाज को समाज के हर वर्ग द्वारा खारिज किया जा रहा है। अब नजरें प्रशासन पर हैं कि वह ऐसे तत्वों पर कितनी कठोर कार्रवाई करता है।