छपरा। जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में क्रॉस बॉर्डर फायरिंग में देश की रक्षा करते हुए अपना बलिदान देने वाले बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज भले ही इस दुनिया में नहीं हों, लेकिन उनकी वीरता की कहानी सभी की जुबां पर है। वहीं, उनकी यादें परिजनों को गमज़दा कर रही हैं। पाकिस्तान के नापाक इरादे के कारण अपने वीर पति को खोने वाली शहनाज अजिमा आज भी उनका नाम सुनकर रो रही हैं। उनकी बस एक ही मांग है कि पाकिस्तान को कड़ी सजा मिले। शहीद इम्तियाज के पुत्र इमरान रजा का कहना है कि पाकिस्तान को नेस्तनाबूद कर दे सरकार। जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शनिवार को पाकिस्तान की गोलीबारी में सारण जिले के गरखा प्रखंड के नारायणपुर गांव के रहने वाले बीएसएफ के जवान मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए थे। बिहार के लाल सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज ने सीमा पर आतंकवादियों के छक्के छुड़ा दिए थे।
शहीद मोहम्मद इम्तियाज की पत्नी शहनाज अजिमा भावुक होकर कहती हैं, “उनसे अंतिम बात उनकी शहादत से कुछ रोज पहले हुई थी, जब उन्होंने कहा था कि अभी सीमा पर तनाव है इसलिए बात नहीं होगी। जब तक ऐसी स्थिति है, बात नहीं हो सकती। जब शांति हो जाएगी तब हम फोन करेंगे।” उन्होंने याद करते हुए कहा कि उसके बाद उनका कॉल नहीं आया, उनकी शहादत की खबर आ गई। उन्होंने कहा कि परिजनों ने तो शुरू में बताया नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्हें अब कुछ नहीं चाहिए, बस पाकिस्तान को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, जिससे फिर किसी दूसरे घर में ऐसी नौबत न आए। शहीद मोहम्मद के बड़े बेटे इमरान रजा ने कहा कि पाकिस्तान को इस कायराना हरकत के लिए उसे दुनिया के नक्शे से मिटा देना चाहिए। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला और फिर भारत द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था। इस बीच सीजफायर की घोषणा कर दी गई। इसके बावजूद सीमापार से हमले हुए थे, जिसमें मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए थे।