शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में नगर पालिका के धन का दुरुपयोग सामने आया है, जहां नियमों को ताक पर रखकर बिना टेंडर के सड़क निर्माण कराया जा रहा था। नगर पालिका अधिकारियों की सख्ती के बावजूद ठेकेदार और वार्ड सभासद ने मनमाने तरीके से कार्य फिर शुरू करवा दिया। हालांकि, सूचना मिलते ही नगर पालिका के उच्च अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर कार्य को दोबारा रुकवा दिया और जांच के आदेश दिए हैं।
मुजफ्फरनगर में एके 47 के साथ युवक की वीडियो वायरल, सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप
पूरा मामला शहर के रेलवे रोड स्थित सत्यनारायण शिशु मंदिर के पास की गली का है, जहां लगभग 70–80 मीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य पिछले कुछ दिनों से बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के कराया जा रहा था। ठेकेदार द्वारा पुराने आरसीसी (RCC) सड़क को तोड़े बिना ही उसके ऊपर नई सड़क बिछाई जा रही थी, जो स्पष्ट रूप से निर्माण मानकों का उल्लंघन है। केवल एक छोटे से हिस्से में मानकों के अनुसार काम किया गया, जिससे यह दिखावा किया गया कि कार्य नियमों के तहत हो रहा है।
मुज़फ्फरनगर में एसपी अपराध को दी गई विदाई, ज़िले में उनके कार्यकाल को किया गया याद
गत दिवस नगर पालिका के अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर इस अवैध निर्माण को रोकने के आदेश दिए थे। बावजूद इसके, मंगलवार सुबह ठेकेदार और संबंधित वार्ड सदस्य ने निर्माण कार्य फिर से शुरू करा दिया। इस पर जब नगर पालिका के उच्च अधिकारियों को जानकारी मिली, तो उन्होंने संबंधित जेई को कड़ी फटकार लगाई और तत्काल प्रभाव से निर्माण रुकवाते हुए मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की बात कही है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह पूरा मामला नगर पालिका विभाग में चल रही मिलीभगत और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। एक ओर शासन पारदर्शिता और जवाबदेही की बात करता है, वहीं दूसरी ओर सरकारी धन का इस तरह दुरुपयोग होना गंभीर सवाल खड़े करता है।