Wednesday, May 21, 2025

सीएम योगी ने की मेरठ के इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान की समीक्षा, विकास कार्यों में गति देने के दिए निर्देश

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ को स्मार्ट, स्वच्छ और सस्टेनेबल शहर के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से ‘इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान’ की गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री को बैठक में जानकारी दी गई कि इस योजना के अंतर्गत कुल 93 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनकी अनुमानित लागत करीब 15,000 करोड़ रुपये है। इनमें से 6 परियोजनाओं पर कार्य शुरू हो चुका है।

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मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मेरठ की ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाओं को पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता के साथ लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि मेरठ स्वतंत्रता संग्राम से लेकर औद्योगिक और शैक्षिक विकास तक की यात्रा में एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यह शहर खेल उद्योग, शैक्षणिक संस्थानों और एनसीआर से निकटता के चलते एक विशेष पहचान रखता है।

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सीएम योगी ने कहा कि मेरठ को खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार की प्रेरणादायी नगरी के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। यातायात जाम और भीड़भाड़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण और नगर निगम को समन्वय में कार्य करने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने स्मार्ट सिटी के तहत सिर्फ डिजिटल होर्डिंग लगाने, पूरे नगर को सीसीटीवी कवरेज में लाने और निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कैमरे की फुटेज आवश्यकता पड़ने पर पुलिस को आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और सिटी बस सेवा में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मेरठ को एक हरित और पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकरणीय शहर के रूप में ढालना है।

नदियों के पुनर्जीवन, डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण और सीवरेज/ड्रेनेज प्रणाली को दीर्घकालिक योजना के तहत सुधारने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि एसटीपी एक अच्छा विकल्प है, लेकिन प्राकृतिक ड्रेनेज प्रणाली अधिक प्रभावी होगी।

योजना को छह प्रमुख विषयों पर केंद्रित बताया गया है—सार्वजनिक स्थलों का सौंदर्यीकरण, सुगम आवागमन, सामाजिक सुविधाएं, औद्योगिक/आवासीय अधोसंरचना, ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण और पुनर्विकास। इन परियोजनाओं को तीन चरणों में—अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक—विभाजित किया गया है। 41 परियोजनाएं एक वर्ष के भीतर पूरी की जानी हैं।

जनसंख्या अनुमानों के अनुसार, 2021 में मेरठ की आबादी 23 लाख थी, जो 2041 तक बढ़कर 33.52 लाख होने का अनुमान है। इस जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए आधारभूत ढांचे को मजबूत करना अनिवार्य है।

बैठक में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल, गंगा एक्सप्रेसवे, वेस्टर्न रिंग रोड, स्मार्ट सड़कों, चौराहों का पुनर्विकास, तथा सांस्कृतिक स्थलों के सौंदर्यीकरण पर भी चर्चा हुई। संजय वन, सूरजकुंड, थीम पार्क, तालाब और अन्य स्थलों के विकास से जीवन गुणवत्ता में सुधार आएगा।

सीएम योगी ने निर्देश दिया कि विक्टोरिया पार्क, संजय वन जैसे स्थलों को जीवंत रूप दिया जाए और मेरठ मंडपम जैसे आयोजनों के स्थलों को सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाए।

सीएम ग्रिड मेरठ योजना के तहत शहर की प्रमुख सड़कों को स्मार्ट रोड में परिवर्तित किया जाएगा। साथ ही, भूमिगत यूटिलिटी डक्ट, एलईडी लाइट, फुटपाथ और आधुनिक संकेत व्यवस्था विकसित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ को ज्वेलरी हब के रूप में विकसित किया जाए, जिसमें पारंपरिक कारीगरों को साझा कार्यस्थल, आधुनिक उपकरण, विपणन सहायता और सुरक्षा जैसे संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।

उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि अतिक्रमण मुक्त नगर और अनधिकृत निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध हो। सभी विभागों को समन्वय, गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ कार्य करने का आदेश दिया गया।

सीएम योगी ने हैकाथॉन 2.0 के माध्यम से मिले सुझावों की सराहना की और योजनाओं में जनभागीदारी को बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मेरठ को प्रदेश के लिए एक प्रेरणास्रोत शहर के रूप में प्रस्तुत किया जाए।


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