गाजियाबाद। जिले में आई आंधी-तूफान में दो लोगों की दुखद मौत ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया और प्रशासन को त्वरित तथा मानवीय कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। जिलाधिकारी (डीएम) दीपक मीणा ने इन घटनाओं पर तुरंत संज्ञान लेते हुए एक अनोखी पहल की शुरुआत की, जो न केवल पीड़ित परिवारों के लिए राहत का कारण बनेगी, बल्कि शहर की चरमराई व्यवस्थाओं को सुधारने की दिशा में भी एक नया अध्याय लिखेगी।
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जानकारी के अनुसार, जिले के खोड़ा क्षेत्र में एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल भी हुए। डीएम दीपक मीणा ने इस दुखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आश्वासन दिया।
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लेकिन उनकी पहल यहीं नहीं रुकी। उन्होंने शहर की उन कमियों को ठीक करने का बीड़ा उठाया, जो इस प्रकार की घटनाओं को जन्म देती हैं। डीएम ने कहा, “आर्थिक सहायता तात्कालिक राहत है, लेकिन असली बदलाव तभी संभव होगा जब हम व्यवस्था की जड़ों को मजबूत करेंगे।”
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डीएम दीपक मीणा ने सड़क सुरक्षा, जलभराव, बिजली आपूर्ति और आपातकालीन सेवाओं को बेहतर करने के लिए एक विशेष कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है। खासतौर पर खोड़ा जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी अक्सर ऐसी दुर्घटनाओं का कारण बनती है।
उन्होंने स्थानीय निकायों, पुलिस और अन्य संबंधित विभागों को एकजुट होकर काम करने के निर्देश दिए हैं। मृतकों के परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन ने शासन को पत्र लिखा है ताकि राहत राशि जल्द से जल्द प्रभावित परिवारों तक पहुंचाई जा सके। इसके साथ ही घायलों के इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की गई है।
डीएम दीपक मीणा की यह पहल गाजियाबाद में प्रशासनिक सक्रियता की एक नई मिसाल साबित हो रही है। उनकी सोच कि “राहत के साथ सुधार” आवश्यक है, न केवल पीड़ित परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है, बल्कि पूरे शहर के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। स्थानीय लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अगर प्रशासन इसी तरह जनता के साथ मिलकर काम करता रहा, तो गाजियाबाद जल्द ही एक सुरक्षित और समृद्ध शहर के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।