कोलार (कर्नाटक)| कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कर्नाटक के लोगों से राज्य विधानसभा की 224 में से 150 सीटों पर अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की अपील की, ताकि भाजपा सरकार को तोड़ न सके। यहां जय भारत मेगा रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि कांग्रेस इकाई एकजुट होकर लड़ रही है।
उन्होंने कहा, पार्टी पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए तैयार है। आप एक बात याद रखें.. भाजपा पूरी ताकत के साथ लोगों से लिए गए 40 फीसदी पैसे से सरकार को तोड़ने का प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा, वे आपसे चुराए गए धन से आपकी ही सरकार को तोड़ने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस को 150 सीटों के साथ सत्ता में आना चाहिए। भाजपा को कोई मौका नहीं देना चाहिए।
यह कहते हुए कि कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में आ रही है, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शीर्ष उद्योगपतियों की मदद करेंगे और हमारी सरकार गरीबों, किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों की मदद करेगी।
उन्होंने आश्वासन दिया, भाजपा उद्योगपतियों के लिए बैंकों के दरवाजे खोलेगी। हमारी सरकार छोटे दुकानदारों, छोटे व्यापारियों, गरीबों और मजदूरों के लिए बैंकों के दरवाजे खोलेगी।
कुछ दिनों में कांग्रेस सरकार कर्नाटक में सत्ता संभालेगी। सवाल यह है कि सत्ता में आने के बाद वह क्या करेगी? वह युवाओं, महिलाओं और गरीबों को क्या देगी?
राहुल ने कहा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में चुनाव के बाद, मुख्यमंत्रियों ने मुझसे पूछा कि उन्हें क्या करना है। मैंने उनसे कहा कि पहली कैबिनेट बैठक में चुनाव में लोगों को दिए गए आश्वासनों को पूरा करें। इसमें एक या दो साल नहीं लगने चाहिए।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भाग्य ज्योति योजना के तहत 200 यूनिट मुफ्त बिजली, गृहलक्ष्मी योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये भत्ता, अन्न भाग्य योजना के तहत बीपीएल परिवार के हर सदस्य को 10 किलो मुफ्त चावल और स्नातकों के लिए 3,000 रुपये तथा डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये भत्ता के वादे पहली कैबिनेट बैठक में पूरे किए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और देश के लोगों में यह संदेश जाना चाहिए कि अगर अडाणी और अन्य व्यापारियों को हजारों करोड़ दिए जा सकते हैं, तो कांग्रेस सरकार गरीबों, महिलाओं और युवाओं को ये पैसे दे सकती है।
उन्होंने दावा किया कि जब भी उन्होंने पीएम मोदी के अडाणी के साथ संबंधों पर सवाल उठाया, उन्हें निशाना बनाया गया।
उन्होंने जोर देकर कहा, मैं सीधी बात करना चाहता हूं। वे (भाजपा) मुझे अयोग्यता, धमकी से डराना चाहते हैं। मैं डरूंगा नहीं। मैं शेल कंपनी पर सवाल उठाऊंगा और पूछूंगा कि इनमें 20,000 करोड़ रुपये का फंड किसका है। जब तक मुझे जवाब नहीं मिलता, मैं नहीं रुकूंगा। उन्हें अयोग्य घोषित करने दें या मुझे जेल में डालने दें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
यह आरोप लगाते हुए कि देश का पूरा बुनियादी ढांचा अडाणी को सौंप दिया गया है और उनकी कंपनी में अचानक हजारों करोड़ आ गए, उन्होंने दावा किया: अडाणी की शेल कंपनी में एक चीनी निदेशक है। कोई जांच नहीं की जाती है। कोई चीन का व्यक्ति उस पद पर कैसे हो सकता है? कोई सवाल नहीं कर रहा है। जब कोई सवाल उठाया जाता है तो वे विषय को बदल देते हैं और मुझे ओबीसी विरोधी करार देते हैं।
राहुल ने पूछा, चलो ओबीसी के बारे में बात करते हैं। सत्ता को जनसंख्या के अनुसार वितरित किया जाना है। केवल सात प्रतिशत दलित, ओबीसी और आदिवासी सचिव हैं। क्या आरक्षण का एससी/एसटी कोटा उनकी आबादी के बराबर है?
उन्होंने पीएम मोदी को यूपीए सरकार के दौरान 2012 में हुई जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा, दलितों, ओबीसी और आदिवासियों को पता चलने दीजिए कि उनकी आबादी कितनी है।
कांग्रेस नेता ने यह भी मांग की कि आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा हटा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर पीएम मोदी जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी नहीं करते हैं तो यह पिछड़े वर्ग का अपमान है।