नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अपने घर का सपना दिखाकर 23 से अधिक पीड़ितों से 350 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। आरोपी की पहचान मोहम्मद मुरसलिन बशीर के रूप में हुई है, जो स्वरूप नगर और भलस्वा डेयरी क्षेत्रों में काम करता था।
अधिकारी ने कहा कि बशीर ने ‘बयाना’ (सांकेतिक धन) और फर्जी भूखंडों की बिक्री के एग्रीमेंट कराने के नाम पर पीड़ितों से लाखों रुपये ऐंठ लिए। खुलासा हुआ है कि आरोपी ने पीड़ितों को जो प्लॉट दिखाए और बेचे वह उनमें से किसी का मालिक नहीं है।
पीड़ितों से मोटी रकम वसूलने के लिए आरोपियों ने फर्जी जनरल पावर ऑफ अटार्नी (जीपीए) भी बनवा ली। उन्होंने पीड़ितों को अपनी साख के बारे में विश्वास दिलाने के लिए पंजीकृत बिल्डरों और डेवलपर्स द्वारा दी गई रसीदें भी दिखाईं।
पुलिस के अनुसार, बुराड़ी के संत नगर निवासी अजय सिंह चौहान द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बशीर ने खुद को जमीन के एक टुकड़े के मालिक के रूप में पेश किया था।
पुलिस उपायुक्त (ईओडब्ल्यू) अनीश रॉय ने कहा, बशीर के आश्वासन पर, शिकायतकर्ता ने 52 लाख रुपये का भुगतान करने से पहले एग्रीमेंट बनाने के लिए बयाना के रूप में 12 लाख रुपये का भुगतान किया, जिसमें जीपीए भी शामिल है।
बाद में चौहान ने पाया कि कथित व्यक्ति ने जमीन का एक ही टुकड़ा कई लोगों को बेच दिया था और भुगतान ले लिया था।
अधिकारी ने कहा, चौहान के अलावा 22 अन्य शिकायतें भी प्राप्त हुईं, जिसमें सभी शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बशीर और उसके सहयोगियों ने दिल्ली के भलस्वा डेयरी और स्वरूप नगर इलाकों में सोसायटी बनाकर प्लॉट बेचने के बहाने उन्हें धोखा दिया।
जांच के दौरान, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बड़ौत के रहने वाले बशीर को बार-बार अपना ठिकाना बदलने और जांच में शामिल होने से बचने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
रॉय ने कहा, उसकी निशानदेही पर एम3के बिल्डर एंड डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड के लेटरहेड पर नकली भुगतान रसीद के साथ कई फर्जी जीपीए बरामद किए गए। उसके बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं।