लखनऊ- उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में पिछले तीन दिनो से रूक रूक कर हो रही बारिश से मौसम सुहाना बना हुआ है जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव गुरूवार को निकाय चुनाव के पहले चरण के मतदान में पड़ना तय है।
राज्य में 10 नगर निगमों, 104 नगर पालिका परिषद और 276 नगर पंचायतों समेत 480 शहरी स्थानीय निकायों के लिये सुबह सात बजे से वोट डाले जायेंगे। मतदान शाम छह बजे तक चलेगा जिसके बाद भी कतार में लगे मतदाताओं को वोट डालने का अधिकार होगा। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के साथ साथ विभिन्न दलों के नेताओं और उम्मीदवारों को आशा है कि तापमान में कमी के चलते लोगबाग अधिक से अधिक तादाद में वोट डालने के लिये घरों से बाहर निकलेंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान चार मई को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा और मतगणना 13 मई को होगी।
इस चरण में शामिल नौ मंडलों में सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी और देवीपाटन शामिल हैं। पहले चरण में शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा मैनपुरी, झांसी, जालौन, ललितपुर कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, उन्नाव, हरदोई, लखनऊ, बरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर श्रावस्ती, गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज कुशीनगर, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली और जौनपुर में वोट डाले जायेंगे।
राज्य चुनाव आयुक्त (एसईसी) मनोज कुमार ने कहा कि चुनाव के पहले चरण में दो करोड़ 40 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा, कि कुल 19,880 इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर के साथ 1,01,477 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल और 47,985 होमगार्ड चुनाव ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं। पुलिस बल के अलावा पीएसी की 86 कंपनियां और दो प्लाटून और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 35 कंपनियां भी तैनात की गई हैं।
इसी बीच सहारनपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद राघव लखनपाल ने निकाय चुनाव के मतदान में धांधली की आशंका व्यक्त की है।
श्री लखनपाल ने बुधवार को यहां पत्रकारों से कहा कि मतदाता सूची में कई ऐसे नाम है जिनका स्वर्गवास हो चुका है, उनके नाम की फर्जी आईडी बना कर मतदान को प्रभावित किये जाने की आंशका है। मतदान को प्रभावित करने वाले ऐसे दलो के खिलाफ चुनाव आयोग को कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।