नयी दिल्ली- वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस के अभियान के दौरान पत्रकारों समेत ट्विटर अकाउंट ब्लॉक करने के मामले में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मीटी) ने निर्देश दिये थे और एक कमेटी ने उसकी समीक्षा की थी।
यह जानकारी इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन को मीटी ने सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर दी है। आईएफएफ ने आज एक ट्विटर श्रृंखला में बताया है कि बाकी कोई जानकारी देने से मीटी ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि वह गोपनीय है।
अठारह मार्च को अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद पंजाब में तीन दिन के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं और बाद के समय में पत्रकारों, मीडिया संस्थानों, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं समेत 120 से ज्यादा ट्विटर अकाउंट ब्लॉक किये गये थे। बीबीसी पंजाबी का ट्विटर अकाउंट भी कुछ घंटों के लिए बंद किया गया था।
आईएफएफ ने कहा कि अपने जवाब में मीटी ने आईटी एक्ट की धारा 69ए और 2009 के आईटी नियमों का हवाला देते हुए कहा था कि उक्त जानकारी नहीं दी जा सकती क्योंकि यह गोपनीय है। इसके अलावा यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा का है इसलिए यह जानकारी देने से सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 8(1)(ए) के तहत छूट दी गई है।