नई दिल्ली | कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 10 मई को मतदान होगा। इससे पहले एबीपी न्यूज के लिए सी-वोटर ने सर्वे किया है। ओपिनियन पोल के अंतिम दौर से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिणी राज्य के मतदाताओं के बीच अपना करिश्मा और लोकप्रियता बरकरार रखी है। हालांकि, ओपिनियन पोल में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के संकेत मिले हैं। लेकिन वोट मांगने के आखिरी चरण के दौरान पीएम मोदी द्वारा व्यस्त और ऊजार्वान प्रचार ने भाजपा के भाग्य में सुधार किया है।
मार्च और अप्रैल के दौरान हुए विधानसभा चुनावों के ओपिनियन पोल में, वोट शेयर और सीटों की संख्या दोनों के मामले में भाजपा कांग्रेस से काफी पीछे दिखाई दी थी। लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा प्रचार के अंतिम चरण ने अब यह सुनिश्चित कर दिया है कि भाजपा का अनुमानित वोट शेयर 36 प्रतिशत से नीचे नहीं गिरेगा। साल 2018 के चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 36 प्रतिशत रहा था।
यहां तक कि भाजपा की अनुमानित सीटों की संख्या भी अब मार्च और अप्रैल के मुकाबले बेहतर है। वास्तव में ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र से 32 विधायक चुने जाते हैं, वहां कुछ सुधार है। पहले कांग्रेस से पिछड़ने के बाद भाजपा ने कुछ हद तक बाजी पलट दी है और अब अनुमानित सीट में कुछ बढ़ोतरी होने की संभावना है।
हालांकि मोदी का यह आखिरी मिनट का प्रयास भाजपा को राज्य को बनाए रखने में मदद करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है, लेकिन यह अगले साल के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी के लिए अच्छा संकेत है। राज्य में साल 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने सबसे अधिक 104 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वर्तमान में कर्नाटक में भाजपा सत्ता में है।
उसके एक साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों ने राज्य की 28 में से 26 सीटों पर जीत हासिल की थी। ऐसा ही पैटर्न करीब 5 साल पहले छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में देखा गया था। भाजपा 2018 में तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव हार गई थी , लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में तीनों राज्यों में जीत हासिल की थी। 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में 10 मई को मतदान होगा और नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे।