ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन की विश्वविख्यात गंगा आरती में जी-20 प्रतिनिधि शामिल हुए। गंगा आरती के बाद रात्रि भोज में विदेशी मेहमानों को भोजन में मोटे अनाज और कई प्रदेशों की संस्कृति से जुड़े भोजन परोसा गया।
बुधवार को परमार्थ निकेतन में आयोजित होने वाली गंगा आरती में जी-20 प्रतिनिधियों के साथ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, ग्लोबल इंटफेथ वाश एलायंस की अन्तरराष्ट्रीय महासचिव डॉ. साध्वी भगवती सरस्वती भी शामिल हुए। इसके बाद परमार्थ निकेतन ने जी-20 प्रतिनिधियों के सम्मान में रात्रि भोज का भी आयोजन किया गया।
इस रात्रि भोज में उत्तराखंड का मोटे अनाज से बने सात-आठ वैरायटी के पकवान परोसे गये। इसका उद्देश्य उत्तराखंड की संस्कृति के साथ मोटे अनाज को वैश्विक पहचान दिलाने की मंशा थी। भोजन में गढ़वाल प्रसिद्ध भांग की चटनी पल्लर दिया गया और मिठाई में कुमाऊं की बाल मिठाई और टिहरी की सिंगरी का स्वाद भी चखाया गया।
भोजन में अवधी, पंजाबी, गुजराती के अलावा थाई और यूरोपियन फूड भी परोसे गए। चाय की जगह बुरांश का जूस परोसा गया, खाने के बाद सभी को रूद्राक्ष के पौधे उपहार स्वरूप में भेंट किये।
इस अवसर पर सभी ने कल्चर, नेचर और फ्यूचर को बचाने का संकल्प लिया। इस माध्यम से परमार्थ निकेतन के इस अद्भुत गंगा तट ने पूरे विश्व को यह संदेश दिया कि देवात्मा हिमालय और उत्तराखंड की जमीन ‘विश्व एक परिवार है’ की धरती है।