मुजफ्फरनगर/हरिद्वार। भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत और अन्य खाप चौधरियों के समझाने पर पहलवान गंगा जी में बिना मैडल बहाये वापस लौट आये हैं। बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, बबीता फोगाट और विनेश फोगाट वापस लौट आये हैं और देर रात मुजफ्फरनगर में चौ. टिकैत के आवास पर पहुंचकर उन्होंने खाना खाया और रात्रि विश्राम किया। रास्ते में आते समय शिवचौक पर माथा भी टेका।
भाकियू सुप्रीमो ने उन्हें आश्वासन दिया है कि सभी खाप पंचायतें पहलवानों की लड़ाई मजबूती से लड़ेंगी और उन्हें न्याय दिलाकर ही शांत होगी। उन्होंने 5 दिन में बड़े फैसले का वायदा किया है, जिस पर पहलवान माने है। शौरम में गुरुवार को खाप पंचायतों को बुलाया गया है जिसमे आगे की रणनीति बनाई जाएगी। जब आग्रह किया गया कि अपने पदक नदी में न डुबोएं, तब साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया सहित आंदोलनकारी पहलवानों ने अपने पदक भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख टिकैत को सौंप दिए।
दिल्ली में जंतर मंतर पर 35 दिन तक धरना देने के बाद भी न्याय ना मिलने से निराश हुए पहलवान आज हरिद्वार पहुंच गए थे और अपने मैडल गंगा जी को समर्पित करने गए थे, जिसकी सूचना मिलने पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत अन्य खाप चौधरियों के साथ हरिद्वार पहुंच गए थे, उन्होंने पहलवानों से मिलकर उन्हें समझाने का प्रयास किया कि वे अपने मेडल गंगा जी को समर्पित न करें, पहलवान रो रहे थे। गंगा सभा से भी उनसे कहा था कि गंगा में अस्थियां विसर्जित की जाती है,मैडल विसर्जित न करे।
इसी बीच भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी पहलवानों से अपने मैडल गंगा जी में समर्पित न करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि यदि पहलवान मैडल अपने पास नहीं रखना चाहते तो उन्हें राष्ट्रपति जी को वापस किया जाना चाहिए, क्योंकि यह देश और तिरंगे की अमानत है।
आपको बता दें कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह द्वारा किए गए कथित यौन शोषण के खिलाफ पिछले कुछ महीनों से पहलवान दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे थे। केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा हस्तक्षेप करने पर कुछ महीने पहले पहलवानों ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया था और जांच समिति बना दी गई थी, लेकिन जब कई महीने तक भी कोई फैसला नहीं आया तो पहलवानो ने फिर धरना शुरू किया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पोस्को एक्ट में मुकदमा दर्ज करा दिया गया, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके खिलाफ पिछले 35 दिन से पहलवान दिल्ली में जंतर मंतर पर बैठे हुए थे।
इसी बीच में महम में खाप पंचायत हुई, जिसमें यह फैसला किया गया कि 28 मई को जब दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद का उद्घाटन करेंगे, उसी समय महिलाओं की एक महापंचायत संसद भवन के सामने होगी जिसमें न्याय की गुहार लगाई जाएगी। लेकिन जब पहलवान संसद भवन की तरफ बढ़ रहे थे तो उनको पुलिस ने बल प्रयोग करके हिरासत में ले लिया था और जंतर-मंतर पर उनका धरना उखाड़ दिया था, पहलवानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कर दिया है।जिससे निराश पहलवानों ने आज हरिद्वार में अपने मैडल गंगाजी में प्रवाहित करने की घोषणा कर दी थी।
पहलवान जब हरिद्वार पहुंचे तो मौके पर भारी पुलिस बल तैनात था और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पहलवानों के समर्थक भारत माता के जयकारे लगा रहे थे और निराश पहलवान रो रहे थे।जब साक्षी, विनेश और विनेश की चचेरी बहन संगीता के आंसू बह निकले, तब उनके पतियों ने उन्हें सांत्वना दी।वहां हज़ारो लोग पहुँच चुके थे। भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत के साथ ही गठवाला खाप के चौधरी श्याम सिंह मलिक और अन्य खाप चौधरी भी वहां पहुंचे थे और पहलवानो को लेकर वापस मुज़फ्फरनगर आये।
नरेश टिकैत ने कहा कि भविष्य की रणनीति पर चर्चा के लिए खाप नेताओं ने गुरुवार को आपात बैठक बुलाई है। टिकैत ने कहा, हमारी बेटियों को प्रताड़ित किया जा रहा है, और पूरा देश गुस्से में है। सरकार एक आदमी (डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह) को बचा रही है। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करना गलत नहीं है। हम उन्हें (विरोध करने वाले पहलवानों को) निराश नहीं करेंगे। डब्ल्यूएफआई प्रमुख (यौन उत्पीड़न के आरोप में) को गिरफ्तार करने की मांग के संबंध में भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए हमने एक खाप बैठक बुलाई है।उन्होंने कहा, अभी तक सरकार की ओर से कोई भी पहलवानों से बात करने नहीं आया है।
इसी बीच पालम खाप के अध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा, अगर अगले पांच दिनों में समाधान नहीं निकला तो दिल्ली में पालम खाप द्वारा खाप महापंचायत बुलाई जाएगी और हम प्रधानमंत्री आवास का घेराव करेंगे।