वाराणसी। वाराणसी में भेलूपुर थाना क्षेत्र में लावारिस कार में नोटों से भरा बोरा मिलने की जांच में सात पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली। जहां 30 मई को लावारिस कार में नोटों से भरे बोरे में 92 लाख 94 हजार रुपये मिले थे। रुपये में हेराफेरी के बाद जांच में सात पुलिसकर्मियों की भूमिका मिली संदिग्ध पाई गई। तत्कालीन इंस्पेक्टर भेलूपुर समेत 3 दरोगा और तीन सिपाही निलंबित किए गए हैं।
बनारस के शंकुलधारा पोखरे के निकट 30 मई को लावारिस कार की डिग्गी में एक बोरा मिला था, जिसमें नोट ठूंसे हुए थे। पुलिस थाने में नकदी की गिनती हुई तो 92.94 लाख रुपये उससे मिले। ये खबर पूरे शहर में तेजी से फैल गई और कुछ पुलिसकर्मियों की भूमिका जांच के घेरे में आ गई।
इस पर डीसीपी काशी आरएस गौतम ने जांच बैठाई। इसमें भेलूपुर के पुलिस इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे के साथ ही साथ 3 दरोगा और 3 सिपाही लपेटे में आ गए। एसीपी संतोष सिंह की रिपोर्ट में रमाकांत दुबे, SI सुशील कुमार, एसआई महेश कुमार और उत्कर्ष चतुर्वेदी के साथ पुलिस कांस्टेबल महेंद्र कुमार पटेल, कपिल देव पांडेय, शिवचंद्र को सस्पेंड किया गया।
एसीपी ने कहा कि 29 मई को बैजनत्था के व्यापारी से एक करोड़ 40 लाख लूट का एफआईआर दर्ज है। बरामद रकम उसी से जुड़ी है। हालांकि इस मामले में गुरुजी नाम के एक शख्स की भूमिका सामने आई है, जो खुलासा होने के बाद से फरार चल रहा है।