लखनऊ। उत्तर प्रदेश में किसानों को निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। किसान मिट्टी खनन के लिये केवल माइन मित्रा पोर्टल पर अप्लाई करें और जिसके बाद स्वतः पंजीकरण के आधार पर खनन और परिवहन मान्य हो जायेगा। यह जानकारी निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग डा. रोशन जैकब ने दी।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों द्वारा अपने खेत से अपने निजी उपयोग के लिए मिट्टी खनन पर हो रहे उत्पीड़न को रोकने एवं अवैध वसूली पर लगाम लगाने के लिए साधारण मिट्टी की रॉयल्टी शून्य कर दी थी। साथ ही भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय से अनुमति लेने की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया था। वहीं मिट्टी खनन में और अधिक पारदर्शिता लाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया। इसके तहत माइन मित्रा पोर्टल लांच किया गया।
किसान द्वारा 100 घन मीटर तक मिट्टी के खनन के लिए केवल माइन मित्रा पोर्टल से अप्लाई करना होता है, जिसके बाद स्वतः रजिस्ट्रेशन के आधार पर खनन और परिवहन मान्य हो जाता है। इससे जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को भी अवगत कराया जा चुका है।
गृह विभाग द्वारा भी स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि स्थानीय पुलिस एवं डायल यूपी 112 के पुलिस कर्मियों द्वारा मिट्टी अथवा बालू के किसी वैध या अवैध परिवहन की जांच या चेकिंग स्वतः संज्ञान लेकर नहीं की जाएगी। वहीं इसमें पारदर्शिता लाने के लिए विभाग की ओर से अन्य कई निर्देश जारी किए गए।