सहारनपुर। ढमोला नदी में आयी बाढ़ के बाद पानी चले जाने से अब लोगों के घर कीचड़ व कूड़े में तब्दील हो गये है। ढमोला तटवर्ती इलाके पूरी तरह बाढ़ की विभीषिका का दंश झेल रहे है। बाढ़ से भयभीत होकर पलायन कर गये लोग अब अपने घरों में धीरे-धीरे वापिस लौटने लगे है। इस समय गंदे पानी की बदबू और चारों तरफ फैली गंदगी उनके लिए मुसीबत बनी है। हालांकि नगर निगम के कर्मचारी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में जाकर सफाई अभियान में जुटे है, लेकिन इतना कीचड़ व मलबा निकालने में उन्हें भी भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।
गौरतलब रहे कि तीन दिन पूर्व सप्ताह भर से जारी बरसात व बांध से पानी छोड़े जाने के चलते ढमोला नदी का जल स्तर बढ़ गया था। जिसके चलते ढमोला तटवर्ती इलाकों मंे बाढ़ जैसे हालात बन गये थे। लोगांे के घरों में चार से पांच फुट तक पानी चला गया था। यही नहीं कई लोगों ने वहां से पलायन होकर राहत शिविरों में शरण ले ली थी और उनके खाने, पीने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जा रही थी। बाढ़ का पानी लोगों के घरों में तीन दिन तक टिका रहा था और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के दौरे से एक दिन पहले ही एकाएक ढमोला नदी का जल स्तर कम हो गया और लोगों ने राहत की सांस ली थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर राहत शिविर में पीड़ितों को चैक व खाद्य सामग्री का वितरण भी किया था और प्रशासनिक अधिकारियों को पीड़ितों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिये थे।
ढमोला नदी में आयी बाढ़ का पानी उतरने के बाद लोगों ने राहत की सांस तो जरूर ली, लेकिन उनके सामने कीचड़ व गंदगी की समस्या बनी हुयी है। बाढ़ अपने पीछे कीचड़ व गंदगी को छोड़कर चली गयी है। चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य व्याप्त हो गया है। बाढ़ से पीड़ित लोगों ने अब अपने घरों में धीरे-धीरे शरण लेनी शुरू कर दी है और अपने घरों की साफ सफाई कर सामान आदि रखने की व्यवस्था करनी शुरू कर दी है। बाढ़ पीड़ित लोगों का कहना है कि उनका कीमती सामान बाढ़ की चपेट में आ गया है और हजारों रूपये की लकड़ी का सामान पूरी तरह बर्बाद हो गया है। अब वह सफाई कार्य में जुटे है, लेकिन उनके समक्ष गंदगी व ठहरे जल की समस्या बनी हुयी है। जिसके कारण क्षेत्र में गदंगी होने से महामारी होने का खतरा भी सताने लगा है। मौहल्ले की नाले व नालियां गंदगी से पूरी तरह अटी पड़ी है।
क्षेत्र में निगम के कर्मचारी सफाई व्यवस्था में लगे है और मलबे व कीचड़ को उठाने का कार्य जारी है, लेकिन मलबा इतना अधिक है कि उनके सामाने भी समस्या खड़ी हो गयी है। यहीं नहीं दर्जनों मकानों की नींव तक हिल गयी है। ढमोला नदी में आयी बाढ़ का मंजर बताते हुए हर किसी के रोंगटे खड़े हो जात है और वह सहज ही अपनी पीड़ा को बताने लगते है। अब तीन दिनों से निकली धूप ने बाढ़ के रूके हुए पानी को सूखाने का काम तो किया है, लेकिन गंदगी व चारो तरफ फैली गंदगी ने उनका जीना मुहाल किया है।