प्रयागराज । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने झांसी में तैनात परिषदीय क्लर्क की तबादले के खिलाफ याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उनका संवर्ग जनपद स्तर का है, इस कारण उनका तबादला कहीं भी किया जा सकता है।
कोर्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 27 जनवरी 2020 को जारी शासनादेश को पढ़ने से किसी प्रकार का संशय नहीं रह जाता कि परिषद में कार्यरत क्लर्क का संवर्ग जनपद स्तर का संवर्ग है। यह आदेश जस्टिस मंजीव शुक्ला ने झांसी में तैनात यूपी बेसिक शिक्षा परिषद के जूनियर क्लर्क बृजेश कुमार श्रीवास की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
याची का तबादला बेसिक शिक्षा अधिकारी झांसी ने ब्लॉक एजुकेशन ऑफिस बांगरा से ब्लॉक एजुकेशन ऑफिस बामोर झांसी कर दिया था। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 27 जून 2023 को पारित तबादला आदेश को याची ने हाई कोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी थी कि 27 जनवरी 2020 के शासनादेश के अनुसार उसका तबादला एक पटल से दूसरे पटल पर हो सकता है, परंतु उसका तबादला एक ब्लाक से दूसरे ब्लॉक में कर दिया गया, जो कि गलत है।
परिषद की तरफ से अधिवक्ता रामानंद पांडेय का कहना था कि शासन द्वारा जारी 20 जनवरी 2020 के आदेश में यह स्पष्ट लिखा गया है कि परिषदीय क्लर्क का पद जनपद संवर्ग का है, इस कारण उनका जनपद में कहीं भी तबादला किया जा सकता है। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया तथा कहा कि जो कर्मचारी ट्रांसफरेबल पद पर कार्यरत हैं उनका उनके कैडर में कहीं भी तबादला हो सकता है।