Thursday, April 17, 2025

काऊ सैंचुरी वरदान सिद्ध होगी, बोले केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ किया निरीक्षण

मुजफ्फरनगर। देश के लिए मॉडल के रूप में विकसित की जा रही काऊ सैंचुरी का प्रथम पड़ाव अक्टूबर 2023 तक पूरा करने के निर्देश दिए गए। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ संजीव बालियान आज अपनी टीम के साथ पुरकाजी क्षेत्र में बन रही काऊ सैंचुरी का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उन्होंने हर बिंदु पर काऊ सैंचुरी के अधिकारियों, ठेकेदारों, किसानों आदि से बात की।

मुजफ्फरनगर को काऊ सैंचुरी के माध्यम से विश्व पटल पर लाने के लिए दिन-रात कार्य कर रहे डॉक्टर संजीव बालियान जिला पंचायत अध्यक्ष डॉक्टर बीरपाल निर्वाल, कॉपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन सत्यपाल, वरिष्ठ समाजसेवी  सत्यप्रकाश रेशू को लेकर पुरकाजी के जंगल को मंगल करने वाली काऊ सैंचुरी पहुंचे। जहां उन्होंने सभी के  साथ तेज धूप में पैदल घूमकर हर बिंदु पर चर्चा की व संबंधित लोगों को अक्टूबर 2023 तक काम पूरा करने के सख्त निर्देश दिए।

दो किसानों के झगड़े को तत्काल दोनों की सहमति से सुलह में बदल दिया। झगड़े को समाप्त कराने में पटवारी कृष्ण ने वास्तविकता डॉक्टर संजीव बालियान के समक्ष रखी। जिससे काऊ सैंचुरी का निर्माण कार्य और तेजी से चलेगा। काऊ सैंचुरी की धार्मिक महत्ता को देखते हुए व गायों को शुद्ध वातावरण देने के लिए 1000 नीम के पेड़, 250 पीपल के पेड़, 250 बड़ के पेड़ अगले दो दिनों में लगाने के निर्देश दिए।

काऊ सैंचुरी के काम को देख रहे शिवम, चरण सिंह, अमरीश मिश्रा, नीरव एवं बृजमोहन से पूरी बात समझने के बाद ट्रैक्टर, खाद, पेड़ आदि तत्काल उपलब्ध कराए गए व लगभग 600 बीघा जमीन गायों का घूमने, चारा उगाने, गोबर व गौमूत्र काह्ल सदुपयोग करने के लिए व्यवस्था की गई।

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सत्यप्रकाश रेशू को समाज के हर वर्ग के साथ तालमेल करके काऊ सैंचुरी का धार्मिक मॉडल बनाने की जिम्मेदारी दी गई जिससे प्रत्येक व्यक्ति अपने जन्मदिन, शादी की सालगिरह, पूर्वजों की यादगार, जीवन की किसी सफलता को काऊ सैंचुरी जाकर गाय की सेवा व परिक्रमा कर सके।  सभी को काऊ सैंचुरी जाने पर गाय के दूध से बने उत्पाद मिल सके।  बच्चों एवं बड़े अपने मनोरंजन के साथ गौ माता की कुछ सेवा भी नियमित रूप से कर सके।

मुजफ्फरनगर के पुरकाजी क्षेत्र में बन रही काऊ सैंचुरी आने वाली पीढ़ी के लिए दूध के रूप में, गोमूत्र के रूप में, गायों की पूजा पाठ के रूप में, गोवंश के रूप में, गायों के गोबर से बने विभिन्न उत्पादकों के रूप में एक वरदान सिद्ध होगी।

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