प्रयागराज – मथुरा वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के लिए कॉरिडोर बनाने तथा वहां यमुना किनारे स्थित सीढ़ियों के सौन्दर्यीकरण को लेकर दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय अब चार सितंबर को सुबह 9:30 बजे सुनवाई करेगी।
आज बांके बिहारी मंदिर के आसपास भीड़ को नियंत्रित करने तथा घाटों के सुंदरीकरण को लेकर शाम पांच बजे तक सुनवाई की। कोर्ट ने सभी पक्षों के वकीलों से कहा, यह ऐसा मामला है कि इसमें मिल बैठकर आपस में इसका निदान किया जा सकता है। कोर्ट ने इस मामले को मध्यस्थता द्वारा हल किए जाने पर बल दिया।
यह आदेश चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर एवं जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व अन्य तथा महन्त मधुमंगल दास की तरफ से दाखिल जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया। सरकार की तरफ से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा तथा मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने पक्ष रखा।
बांके बिहारी मंदिर की तरफ से कोर्ट में उपस्थित सेवायतों के अधिवक्ता ने कहा कि मंदिर उनका है और मंदिर में मिलने वाला दान पर उनका हक है, सरकार इस पैसे को विकास के नाम पर उनसे नहीं ले सकती। वहरहाल, कोर्ट जनहित याचिकाओं पर आगामी चार सितंबर को सुनवाई करेगी।