नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा गुरुवार को एमसीडी पार्षदों का भत्ता 300 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रति बैठक करने का प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक नया राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। विपक्षी भाजपा ने इसकी तीखी आलोचना की।
एमसीडी पार्षदों को अब बैठक भत्ते के रूप में प्रति सत्र 25,000 रुपये मिलेंगे, जो मौजूदा 300 रुपये प्रति सत्र के भत्ते से काफी अधिक है।
हालांकि, पार्षदों को भत्ते के तौर पर प्रति माह 1 लाख रुपये से ज्यादा नहीं मिलेंगे। एमसीडी काउंसिल द्वारा पारित प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार से मंजूरी लेने से पहले दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एल-जी) को भेजा जाएगा। यह देखना बाकी है कि केंद्र इस पर सहमति देता है या नहीं।
इस बीच, भाजपा ने इस तरह का प्रस्ताव लाने के लिए आप की निंदा की है और इसे एमसीडी के इतिहास में काला दिन करार दिया है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पार्टी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कड़ी निंदा करती है, जिन्होंने अपनी पार्टी के पार्षदों के बैठक भत्ते को 300 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रति बैठक करने के लिए एमसीडी सदन की बैठक में एक प्रस्ताव लाने और मंजूरी देने की अनुमति दी।