Saturday, November 23, 2024

राकेश टिकैत ने बुढ़ाना में निकाली ट्रैक्टर यात्रा, बोले- गन्ना भुगतान नहीं हुआ तो डीएम दफ्तर लेकर जाएंगे गन्ना

बुढ़ाना। भाकियू नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में कस्बा बुढ़ाना में ट्रैक्टर यात्रा निकाली गई। यात्रा के समापन पर पंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की समस्या को लेकर ट्रैक्टर मार्च हो रहे हैं। भुगतान मिलने तक चीनी मिल पर धरना जारी रहेगा। उन्होंने पैसा नही तो गन्ना नही का नारा देते हुए चीनी मिल को तालाबंदी की चेतावनी दी। चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि चीनी मिल के गेट पर परमानेंट वेल्डिंग कर तालाबंदी की जाएगी।

राकेश टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 20 दिनों में किसानों के गन्ने का भुगतान मिल नहीं करती है तो यहाँ का किसान मिल को अपना गन्ना ना देकर डीएम कार्यालय पर डालने का काम करेगा  मिल में तालाबंदी कर फैक्ट्री के गेट को वेल्ड कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह धरना चलेगा एवं किसानों ने निर्णय लिया है कि हम इस शुगर फैक्ट्री को गन्ना नहीं देंगे, इनको 20 दिन का टाइम दिया है यदि भुगतान नहीं होता है तो गन्ना डीएम के यहां पर जाएगा और जिले में संघर्ष होगा।

गन्ना डायवर्जन पर  उन्होंने कहा कि डायवर्जन लखनऊ से नहीं डीएम ऑफिस से होगा। जब भी जिले में कोई शुगर मिल चलेगा, उसी दिन डीएम के यहां गन्ना डाला जाएगा, जो किसान समझौता तोड़कर इस फैक्ट्री को गन्ना देगा, वह गद्दार होगा। आप लोग डीएम ऑफिस में गन्ना ले जाना भूल गए है, यह हालत तब पैदा हुए हैं।

उन्होंने कहा कि एक बीजेपी का एजेंडा चलाया जा रहा है। खाप पंचायत को तोडऩे का काम हो रहा है। हम यहां वोट या पार्टी की नहीं सिर्फ किसान की बात करेंगे। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर क्रांति की धरती रही है, अब एक संघर्ष होगा।यहां पर बहुत दिन से आंसू गैस के गोले नहीं चले। एक आंदोलन होगा, जिस दिन इस पूरे प्लांट को बंद करेंगे, गेट पर वेल्डिंग लगाकर तालेबंदी की जाएगी। उन्होंने किसानों से कहा कि गन्ना डाइवर्ट की लड़ाई मजबूती से लडऩी होगी।

उन्होंने कहा कि इस फैक्ट्री का सारा काम रोकना पड़ेगा। निर्णय लेने का 18 सितंबर तक का समय है, इस बीच गन्ना भुगतान निर्णय कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को कुर्बानी देनी पड़ेगी। हो सकता है आपका गन्ना एक दो माह लेट हो जाए। उन्होंने कहा कि सब की सहमति से ही तालाबंदी की जाएगी। उनका नारा है पैसा नहीं तो गन्ना नहीं। चीनी मिल पर 22० करोड़ से ज्यादा बकाया है। किसान पर अत्याचार हो रहा है, बिजली के अधिकारी भी बेलगाम हो रहे हैं।

इस दौरान तहसील अध्यक्ष अनुज बालियान, संजीव पंवार, मुन्ना प्रधान, बिजेंद्र, मोमीन जौला, विनोद मलिक, सुबोध त्यागी, शकुल, सुधीर सहरावत, सत्येंद्र ठाकुर, कपिल लटियाल, ओमपाल मलिक आदि ने भी अपनी बात कही।

 

 

 

 

 

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