गोरखपुर – स्थानीय स्तर पर खेल प्रतिभाओं को तलाशने और तराशने पर बल देते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत को दुनिया की श्रेष्ठ खेल शक्ति बनना है, तो उसके लिए नए तौर तरीके ढूँढने होंगे और नई व्यवस्थाओं का भी निर्माण करना होगा। सांसद खेल महाकुंभ ऐसी ही नई व्यवस्था है।
गोरखपुर के क्षेत्रीय क्रीड़ांगन में गुरुवार को आयोजित सांसद खेल महाकुंभ के समापन समारोह के दौरान वीडियो संदेश में श्री मोदी ने कहा “ मैं मानता हूं कि अगर भारत को दुनिया की श्रेष्ठ स्पोर्टिंग पावर बनना है, तो उसके लिए हमें नए नए तौर तरीके ढूँढने होंगे, नए रास्ते चुनने होंगे, नई व्यवस्थाओं का भी निर्माण करना होगा। ये सांसद खेल महाकुंभ ऐसा ही एक नया मार्ग है, नई व्यवस्था है। खेल की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए ये बहुत जरूरी है कि स्थानीय स्तर पर निरंतर खेल प्रतियोगिताएं होती रहें। लोकसभा स्तर पर इस तरह की प्रतियोगिताएं स्थानीय प्रतिभाओं को तो निखारती ही हैं, साथ ही पूरे क्षेत्र के खिलाड़ियों के मोराल को भी बूस्ट करती हैं।”
उन्होने कहा कि खेल व खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने बजट में कई प्रावधान किए हैं। 2014 की तुलना में खेल मंत्रालय का बजट तीन गुना कर दिया गया है। अनेक आधुनिक स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। खिलाड़ियों को लाखों रुपये की मदद की जा रही है। हमें खेलों के प्रति होलिस्टिक विजन अपनाना होगा। ‘टॉप्स’ जैसी योजना से खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जा रहा है। खेलो इंडिया के साथ साथ फिट इंडिया और योग जैसे अभियान भी आगे बढ़ रहे है।
श्री मोदी ने कहा कि इस प्रतियोगिता में कुश्ती, कबड्डी, हॉकी जैसे खेलों के साथ-साथ चित्रकारी, लोकगीत, लोकनृत्य और तबला-बांसुरी आदि के कलाकारों ने भी भाग लिया है। ये एक बहुत ही सुंदर, सराहनीय और प्रेरणा देने वाली पहल है। प्रतिभा चाहे खेल की हो या फिर कला-संगीत की, उसकी स्पिरिट और उसकी एनर्जी एक जैसी ही होती है। ख़ासकर जो हमारी भारतीय विधाएँ हैं, जो लोक-विधाएं हैं, उन्हें आगे बढ़ाने की नैतिक ज़िम्मेदारी भी हम सब पर साझी जिम्मेदारी है।
उन्होने कहा “ बीते कुछ सप्ताह में सांसद खेल महाकुंभ में ये मेरा तीसरा कार्यक्रम है। इससे पहले जब गोरखपुर में खेल महाकुंभ हुआ था, तो उसमें करीब 18-20 हजार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। इस बार ये संख्या बढ़कर करीब 24-25 हजार हो गई है। इनमें से करीब नौ हजार युवा खिलाड़ी हमारी बेटियाँ हैं। आपमें से हजारों की संख्या में ऐसे युवा हैं, जो किसी छोटे गाँव से आए हैं, छोटे कस्बे से आए हैं। ये दिखाता है कि सांसद खेल प्रतियोगिताएं, किस तरह, युवा खिलाड़ियों को नए अवसर देने का नया प्लेटफॉर्म बन रही हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि उम्र कोई भी हो, फिट रहने की एक भीतरी इच्छा हर किसी के मन में रहती है। हमारे यहां एक समय था जब गांव-देहात में होने वाले मेलों में खेल-कूद भी खूब होते थे। अखाड़ों में भी भांति-भांति के खेल कराए जाते थे। लेकिन समय बदला और ये सारी पुरानी व्यवस्थाएं धीरे-धीरे कम होने लगीं। हालात तो ये भी हो गए कि स्कूलों में जो पीटी के पीरियड होते थे, उन्हें भी टाइम पास का पीरियड माना जाने लगा। ऐसी सोच की वजह से देश ने अपनी तीन-चार पीढ़ियां गंवा दीं। नये भारत में खेल सुविधाएं बढ़ीं और ना ही नई खेल व्यवस्थाओं ने आकार लिया।
उन्होने कहा कि हमारे देश में बहुत सारा गुप्त और सुप्त सामर्थ्य है जो बाहर आने के लिए लालायित है। खेल की दुनिया में ऐसे सामर्थ्य को सामने लाने में सांसद खेल महाकुंभ की बड़ी भूमिका है। आज देश में भाजपा के सैकड़ों सांसद ऐसे खेल महाकुभों का आयोजन करा रहे हैं। इन प्रतियोगिताओं से आगे बढ़कर कई खिलाड़ी राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर खेलेंगे। आपमें से ही ऐसी प्रतिभाएँ भी निकलेंगी जो आगे जाकर ओलंपिक्स जैसे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में देश के लिए मेडल्स जीतेंगे। इसलिए मैं सांसद खेल महाकुंभ को उस मजबूत नींव की तरह मानता हूं जिस पर भविष्य की बहुत भव्य इमारत का निर्माण होने जा रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि अच्छे पोषण के लिए मिलेट्स यानि मोटे अनाज पर ज़ोर दिया जा रहा है। ज्वार, बाजरा जैसे मोटे अनाज, सुपरफूड की श्रेणी में आते हैं। इसलिए अब देश ने इन्हें श्रीअन्न की पहचान दी है। आप सभी को इन अभियानों से जुड़ना है, देश के इस मिशन को लीड करना है। आज ओलंपिक्स से लेकर दूसरे बड़े टूर्नामेंट्स तक, जिस तरह भारत के खिलाड़ी मेडल्स जीत रहे हैं, उस लीगेसी को आप जैसे युवा खिलाड़ी ही आगे बढ़ाएँगे।